CG News: दुर्ग जिले में नाबालिग बच्चे न केवल नशे के चंगुल में फंस रहे हैं, बल्कि नशे की आपूर्ति और गंभीर अपराधों में भी लिप्त हो रहे हैं।
CG News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में नाबालिग बच्चे न केवल नशे के चंगुल में फंस रहे हैं, बल्कि नशे की आपूर्ति और गंभीर अपराधों में भी लिप्त हो रहे हैं। इस सामाजिक समस्या के समाधान के लिए दुर्ग जिले में नाबालिगों के लिए विशेष नशामुक्ति केंद्र खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
क्षमता: 100 बिस्तर (दुर्ग 50, भिलाई 50)
प्रथम चरण: 50 बच्चों को दो बैचों में नशामुक्ति प्रक्त्रिस्या में शामिल किया जाएगा।
दूसरा चरण: शेष 50 बच्चों को शामिल किया जाएगा।
सहयोग: समाज सेवा एवं अनुसंधान संगठन भिलाईऽ
उद्देश्य: नशामुक्ति, पुनर्वास और रोजगार से जोडकऱ भविष्य सुरक्षित बनाना
पुलिस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, दुर्ग जिले के विभिन्न क्षेत्र जैसे भिलाई नगर, खुर्शीपार, पुरानी भिलाई, रायपुर नाका, टिकरापारा, ओम नगर, चरोदा आदि में लगभग 100 से अधिक नाबालिग नशे की गिरफ्त में हैं। इनके पारिवारिक और सामाजिक हालात भी गंभीर चिंता का कारण हैं।
सीएसपी विजय अग्रवाल ने कलेक्टर अभिजित सिंह को पत्र लिखकर नाबालिग बच्चों के लिए 100 क्षमता वाले नशामुक्ति केंद्र की मांग की है। एसएसपी अग्रवाल के अनुसार, नाबालिग नशा मुक्ति केंद्र बच्चों के पुनर्वास में ठोस परिणाम देगा। वर्तमान में बालक अपराधों में नशे की प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है। केंद्र के संचालन से बच्चों को नशे के चंगुल से निकाला जाएगा, उनकी शिक्षा और रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएंगे।
विवरण व संख्या वार्षिक व्यय (लगभग)
बच्चों का 100 बिस्तर 1 करोड़ 84 लाख 32 हजार रुपए
एक बैच (25 बच्चे) 46 लाख 8 हजार रुपए
पुलिस विभाग की समीक्षा में पाया गया कि नशे की लत के कारण बच्चे चोरी, लूट, नकबजनी, छीनाझपटी, मारपीट और हत्या जैसे अपराधों में शामिल हो रहे हैं।
2023 में नाबालिग अपराध: 142
2024 में नाबालिग अपराध: 130
2025 (अप्रैल तक): 49