CG News: दुर्ग जिले की सरकारी स्कूलों में इस समय मंथली टेस्ट कराए जा रहे हैं। इसके बाद सितंबर में उनकी तिमाही परीक्षा ली जाएगी।
CG News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की सरकारी स्कूलों में इस समय मंथली टेस्ट कराए जा रहे हैं। इसके बाद सितंबर में उनकी तिमाही परीक्षा ली जाएगी। इस बार बच्चों का परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहेगा, क्योंकि उन्हें जिन किताबों से परीक्षा की तैयारी करनी है, वह मिली ही नहीं।
दुर्ग जिले के सरकारी स्कूलों के करीब 27 हजार बच्चों को अभी भी अपनी पाठ्यपु़स्तकों का इंतजार है। जिला शिक्षा विभाग तीन महीने में भी बच्चों को उनकी किताबें उपलब्ध नहीं करा सका है। अधिकतर जगहों पर आधी-अधूरी किताबों का वितरण कर दिया गया है। इस सरकारी स्कूलों का हाल ये है कि उनमें शिक्षक पुरानी किताबों के भरोसे बच्चों को कक्षाओं में पढ़ा रहे हैं।
जहां पर पुरानी किताबें नहीं है, वहां पढ़ाई ही नहीं हो रही है। कक्षा ८वीं में सामाजिक विज्ञान विषय की किताबें नहीं मिली तो वहीं कक्षा ६वीं के बच्चों को अंग्रेजी विषय की पुस्तक का वितरण नहीं किया गया है। इस साल से कक्षा ६वीं का पूरा सिलेबस बदला है, ऐसे में पुरानी किताबों से नहीं पढ़ाया जा सकता। बावजूद इसके दुर्ग जिले में सबसे अधिक वितरण गैप इन्हीं किताबों का है।
जिला शिक्षा विभाग के पास करीब एक महीना पहले तक सवा लाख किताबों के वितरण का गैप था, जो घटकर २७ हजार किताबों पर आ गया। अब एक बार फिर से विभाग ने स्कूलों से किताबों की मांग की है। सबसे ज्यादा डिमांड दुर्ग ब्लॉक से है, जबकि धमधा और पाटन विकासखंड से कम डिमांड आई है। इस सबके बीच बड़ा मसला यह है कि बहुत से विषयों कि किताबें अतिशेष हो गई है।
यानी बच्चों की संया से अधिक किताबें मंगवाई गई। अब विभाग ने अतिशेष किताबें ब्लॉक स्तर पर वापस पहुंचाने के लिए कहा है, जिसके बाद इन किताबों को वापस डीपो भेजा जाएगा। वहीं, जिन जगहों पर यह किताबें नहीं मिली है, उनका वितरण भी इसी अतिशेष किताबों के जरिए विषयवारकिया जाएगा।