शिक्षा

CBSE: सीबीएसई ने जारी किया पैरेंटिंग कैलेंडर, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद स्थापित करना मकसद

CBSE की ओर से यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर की गई है। बोर्ड का मानना है कि जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों पर ध्यान देते हैं तो उनका समग्र विकास बेहतर होता है।

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Apr 01, 2025
CBSE

CBSE: शिक्षकों और अभिभावकों के बीच संवाद बढ़ाने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपनी वेबसाइट पर पैरेंटिंग कैलेंडर जारी किया है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा। इससे अभिभावकों और शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने और बच्चों के समग्र विकास में मदद मिलेगी। इस कैलेंडर को तैयार करने के लिए बोर्ड ने जनवरी में दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही सीबीएसई ने इसे लॉन्च किया गया है।

NEP 2020: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में है इसकी व्यवस्था


बोर्ड की ओर से यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मद्देनजर की गई है। बोर्ड का मानना है कि जब अभिभावक और शिक्षक मिलकर बच्चों पर ध्यान देते हैं तो उनका समग्र विकास बेहतर होता है। कैलेंडर में बताया गया कि माता-पिता और शिक्षकों के बीच एक मजबूत सहयोग एक ऐसा वातावरण बनाता है, जहां बच्चे अपनी क्षमता का पता लगा सकते हैं। कैलेंडर बुक को कवर पेज से आखिरी पृष्ठ तक 32 पेजों में समेटा गया है। इसमें सीबीएसई का पेरेंट्स सर्वे और 4 सेक्शन 24 पेज में लिए गए हैं।

CBSE: पेरेंटिंग कैलेंडर की मुख्य विशेषताएं

नर्सरी और किंडरगार्टन: कहानी सुनाने, संगीत, पहेलियां और फैमिली बॉन्डिंग
कक्षा 1-2: आउटडोर शिक्षण, पारंपरिक खेल
कक्षा 3-5: विज्ञान प्रयोग, सांस्कृतिक गतिविधियां
कक्षा 6-8: कौशल स्वैप और सहयोग सत्र
कक्षा 9-10: कॅरियर मेंटरिंग और कला में भागीदारी
कक्षा 11-12: करियर मेंटरशिप, वित्तीय साक्षरता चुनौतियां

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