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Home Guard Vs Police Constable में किसकी सैलरी होती है अधिक? यहां जानिए

Home Guard vs Police Constable Salary: होम गार्ड और पुलिस कांस्टेबल के बीच सैलरी, स्थायित्व और सुविधाओं को लेकर बड़ा फर्क होता है। इस आर्टिकल में जानेंगे कि किसे मिलता है अधिक वेतन, कौन-सी नौकरी है स्थायी, और किसमें हैं प्रमोशन और सरकारी लाभ जैसी सुविधाएं।

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Jul 17, 2025
Home Guard vs Police Constable Salary (Gemini)

Home Guard vs Police Constable Salary: भारत में सुरक्षा सेवाओं में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले युवाओं के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि होम गार्ड और पुलिस कांस्टेबल में से किसकी सैलरी अधिक है? दोनों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन वेतन, नौकरी के स्थायित्व और सरकारी सुविधाओं के मामले में इनमें स्पष्ट अंतर है।

इस आर्टिकल में हम होम गार्ड और पुलिस कांस्टेबल की सैलरी, लाभ, और अन्य पहलुओं की तुलना करेंगे।

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पुलिस कांस्टेबल: स्थायी नौकरी और बेहतर वेतन

पुलिस कांस्टेबल राज्य सरकार के अधीन एक स्थायी सरकारी पद है। इसकी भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET/PST) और डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन शामिल होता है।

पुलिस कांस्टेबल की सैलरी

वेतनमान: 7वें वेतन आयोग के अनुसार, शुरुआती वेतन पे मैट्रिक्स लेवल 3 (21,700 रुपये - 69,100 रुपये) के अंतर्गत होता है।

इन-हैंड सैलरी: भत्तों (महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, वर्दी भत्ता आदि) सहित मासिक वेतन आमतौर पर 25,000 रुपये से 40,000 रुपये के बीच होता है। यह वेतन राज्य और शहर के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

उदाहरण के तौर पर, अलग-अलग राज्यों में पुलिस कांस्टेबल की सैलरी में अंतर देखा जा सकता है। जैसे कि बिहार में एक पुलिस कांस्टेबल को भत्तों सहित लगभग 30,000 रुपये या उससे अधिक मासिक वेतन मिलता है। वहीं, दिल्ली जैसे महानगरों में यह राशि बढ़कर 35,000 रुपये या उससे ज्यादा हो जाती है, जिसका प्रमुख कारण उच्च हाउस रेंट अलाउंस (HRA) होता है। ऐसे शहरी क्षेत्रों में जीवनयापन की लागत अधिक होने के कारण भत्तों की राशि भी तुलनात्मक रूप से ज्यादा होती है।

होम गार्ड: अस्थायी सेवा, सीमित मानदेय

होम गार्ड एक स्वैच्छिक बल (Volunteer Force) है जिसे विशेष परिस्थितियों जैसे त्योहार, चुनाव, दंगे, या आपदा प्रबंधन के दौरान ड्यूटी पर बुलाया जाता है। यह पूर्णकालिक कर्मचारी नहीं होते और उनकी ड्यूटी अस्थायी होती है।

होम गार्ड की सैलरी

मानदेय: दैनिक आधार पर भुगतान जो राज्य सरकार की नीति पर निर्भर करता है। यह आमतौर पर 500 रुपये से 1,100 रुपये प्रति दिन के बीच होता है।

होम गार्ड के दैनिक मानदेय में भी राज्यों के अनुसार काफी अंतर देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए, दिल्ली में होम गार्ड को प्रतिदिन लगभग 833 रुपये का भुगतान किया जाता है जो 30 दिन की ड्यूटी मानकर लगभग 25,000 रुपये मासिक होता है। वहीं, झारखंड में यह दर और भी अधिक प्रतिदिन 1,088 रुपये है, जिससे एक होम गार्ड को महीने में करीब 32,640 रुपये तक मिल सकते हैं। इसके विपरीत, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में यह दर 500 से 900 रुपये प्रतिदिन के बीच होती है जिससे उनकी मासिक आय लगभग 15,000 से 27,000 रुपये तक हो सकती है बशर्ते पूरे महीने ड्यूटी मिले।

ध्यान दें: होम गार्ड को नियमित ड्यूटी की गारंटी नहीं होती। कई बार पूरे महीने ड्यूटी नहीं मिलती जिससे आय अनिश्चित रहती है।

होम गार्ड को पेंशन, ग्रेच्युटी या HRA जैसे किसी भी प्रकार के नियमित सरकारी लाभ प्राप्त नहीं होते। हालांकि, कुछ राज्यों में उन्हें सीमित चिकित्सा सुविधाएं या दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाएं दी जा सकती हैं लेकिन यह अनिवार्य नहीं है और राज्य की नीति पर निर्भर करता है। इसके अलावा इस पद पर प्रमोशन के अवसर भी लगभग न के बराबर होते हैं।

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Updated on:
17 Jul 2025 04:32 pm
Published on:
17 Jul 2025 04:31 pm
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