How To Become Lawyer In India After 12th: वकील बनना इतना आसान नहीं है। इसके लिए डिग्री हासिल करनी होती है और कई स्टेज पर परीक्षाएं देनी होती है। आइए, जानते हैं भारत में वकील बनने के लिए क्या करना होता है-
How To Become Lawyer In India After 12th: दुनिया में जिस तरह से डॉक्टर, इंजीनियर और पुलिस आदि की जरूरत है। ऐसे न्याय और कानून को बनाए रखने के लिए वकीलों की जरूरत पड़ती है। आज के समय में इस पेशे की काफी मांग है। वकील न सिर्फ संगठन और समाज के अधिकारों की रक्षा करने का महत्वपूर्ण काम करते हैं बल्कि आपराधिक कानून और मानव अधिकारी से लेकर कॉर्पोरेट कानून और पर्यावरण न्याय तक कई मुद्दों को लेकर काम करते हैं। यदि आप भी वकील बनना चाहते हैं और यहां आपको बताएंगे कि इसके लिए शैक्षणिक पात्रता, योग्यता और अन्य बातें-
भारत में वकील बनने के लिए छात्रों का कम से कम किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। किसी भी स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स या कला से छात्र कानून में करियर बना सकते हैं।
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भारत में मौजूदा समय में कानून की पढ़ाई के लिए दो कोर्स हैं, बीए एलएलबी और एलएलबी। इन दोनों की कोर्स में से किसी एक को चुनकर आप वकील बनने की पढ़ाई कर सकते हैं। अब आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर दोनों ही डिग्री प्रोग्राम में क्या अंतर है। आइए, जानते हैं-
बीए एलएलबी 12वीं पास होने के बाद ग्रेजुएशन स्तर पर किया जा सकता है। यह 5 साल का इंटीग्रेटेड एग्जाम है। इस कोर्स में वकालत के साथ-साथ इतिहास ,भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र और भाषा (हिंदी या अंग्रेजी) भी पढ़ सकते हैं। इस कोर्स में दाखिला के लिए CLAT, LSAT India, AILET या SET जैसे प्रवेस परीक्षाएं देनी होती हैं।
बैचलर ऑफ लॉ यानी कि LLB एक बैचलर डिग्री कोर्स है, जोकि 3 साल में पूरा किया जा सकता है। इस कोर्स को किसी भी स्ट्रीम के छात्र चुन सकते हैं। LLB ग्रेजुएशन करने के बाद किया जाता है। यदि आप भारत के टॉप विश्वविद्यालय से LLB करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) पास करना होगा। एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद ऑल इंडिया बार एग्जाम देकर वकालत की जा सकती है। ऑल इंडिया बार एग्जाम में पास होने के बाद आप देश के किसी भी कोने में वकालती की प्रैक्टिस कर सकते हैं। एलएलबी की तुलना में बी एलएलबी कोर्स इन दिनों ज्यादा डिमांड में है।
भारत के टॉप लॉ कॉलेज (Top Law College) में दाखिला पाने के लिए छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) या फिर राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होती है। ये परीक्षाएं कैंडिडेट्स की योग्यता, तर्कशक्ति और उनके ज्ञान का आकलन करती हैं।
वकील बनने के लिए सिर्फ लॉ की डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए कैंडिडेट्स का राज्य बार काउंसिल के साथ रजिस्ट्रर होना जरूरी है। भारतीय बार काउंसिल (BCI) में रजिस्ट्रेशन के लिए कानून की डिग्री और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं।
बार काउंसिल के साथ रजिस्ट्रेशन के साथ ही कैंडिडेट्स का ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) परीक्षा में पास करना भी जरूरी है। इस परीक्षा का आयोजन BCI के द्वारा किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स अपने पसंद का क्षेत्र चुनकर जैसे कि आपराधिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, मानवाधिकार कानून या बौद्धिक संपदा कानून आदि चुनकर प्रैक्टिस कर सकते हैं।
-स्वतंत्र रूप से कानून की प्रैक्टिस
-प्रतिष्ठित लॉ फॉर्म
-अनुभवी वकील के मार्गदर्शन में काम करना
-कॉर्पोरेट कानूनी विभाग में काम करना