शिक्षा

ओलंपिक में मेडल जीतने वाली Manu Bhaker आज भी कर रही हैं पढ़ाई, खेल के अलावा इन चीजों का रखती हैं शौक

Manu Bhaker Educational Qualification: मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश का पेरिस ओलंपिक में खाता खोला। इसके बाद उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता। आइए, जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई की है

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Manu Bhaker Educational Qualification: मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश का पेरिस ओलंपिक में खाता खोला। इसके बाद उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता। इस तरह वो ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली भारतीय बन गईं। खेल के साथ साथ वो पढ़ाई में भी अच्छी हैं। उन्होंने दोनों ही काम को काफी बैलेंस रखा है। आइए, मनु भानकर की एजुकेशन के बारे में जानते हैं।

डीयू से की है पढ़ाई (Educational Qualification Of Manu Bhaker) 

18 फरवरी 2002 में मनु भाकर का जन्म गोरिया गांव में हुआ। वो हरियाणा के झज्जर की रहने वाली हैं। मनु भानकर न सिर्फ स्पोर्ट्स में अच्छी हैं बल्कि उनकी जर्नी भी इंस्पायर करने वाली है। उन्होंने  प्राथमिक शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने डीयू (Delhi University) के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन(एलएसआर) से पॉलिटिकल साइंस में ऑनर्स की डिग्री हासिल की। अभी वो पंजाब विश्वविद्यालय में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ले रही हैं। 

14 साल की उम्र में किया बड़ा फैसला 

मनु ने अपने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग जैसे खेल में भी हिस्सा लिया है। वहीं 14 साल की उम्र में उन्होंने निशानेबाजी में आने का फैसला किया। 16 साल की उम्र में ही उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत लिया था। मनु भाकर को 2020 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में सर्वश्रेष्ठ युवा एथलीट पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

खेल के अलावा है इन चीजों का शौक 

मनु भाकर को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना (2018) में आयोजित युवा ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक के रूप में चुना गया था। खेलों के अलावा, भाकर को संगीत, पढ़ना, पेंटिंग, स्केचिंग, नृत्य और पहेली सुलझाने का शौक है।

मुश्किल था सफर लेकिन हार नहीं (Manu Bhaker)

मनु का ओलंपिक में पहुंचने का सफर आसान नहीं था। टोक्यो ओलंपिक में तकनीकी गड़बड़ी के कारण मनु 22 मिनट तक शूटिंग नहीं कर पाई थीं, जिससे वो पदक हासिल नहीं कर पाई थीं। इसके बाद मनु काफी समय तक डिप्रेशन के दौर से गुजरीं। उस दौरान उन्होंने गीत पढ़ना शुरू किया, जिससे काफी उम्मीद मिली। गीता और योग की मदद से उन्होंने अपने तनाव को दूर किया।

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