Shivraj Patil Biography: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने 90 की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। सात बार सांसद रहे पाटिल ने नगर पालिका से अपनी सियासी पारी की शुरूआत की। जानिए उनकी पूरी जीवनी और राजनीतिक सफर?
Shivraj Patil Life Story: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का आज सुबह महाराष्ट्र के लातूर में निधन हो गया। उन्होंने 90 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। पाटिल ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में कई बड़े और अहम पदों पर काम किया। वह सात बार लोकसभा सांसद रहे। इसके अलावा उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री और राज्यपाल जैसे बड़े पद भी संभाले। शिवराज पाटिल को भारतीय राजनीति में एक अहम और अनुभवी शख्सियत के तौर पर जाना जाता है।
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के चाकूर गांव में हुआ। शिवराज के पिता का नाम शिवराम पाटिल और माता का नाम शारदा पाटिल था। उनके पिता एक किसान थे और वे एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। इसके बावजूद उन्होंने राजनीति की बुलंदियों को छुआ। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी करने के बाद उस्मानिया यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन किया। मुंबई यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने राजनीति में किस्मत आजमाने का फैसला किया।
स्थानीय राजनीति से अपना राजनीतिक सफर शुरू करते हुए पाटिल ने लातूर नगरपालिका अध्यक्ष जैसे पदों पर अपनी सेवा दी। आगे चलकर वो महाराष्ट्र विधानसभा के मेंबर बने। 1980 में पहली बार वो लोकसभा के सांसद चुने गए, जिसके बाद वो 7 बार लातूर लोकसभा सीट से सांसद रहे। शिवराज पाटिल 2010 से 2015 तक पंजाब के गर्वनर और चंडीगढ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे। उनका राजनीतिक जीवन, कड़ी मेहनत और सादगी की जीती-जागती मिसाल है।
शिवराज पाटिल ने 2004 में गृह मंत्री की कमान संभाली। इस दौरान देश को कई बड़े सुरक्षा संकटों का सामना करना पड़ा। 2008 में हुए मुंबई टेरर अटैक (26/11) के बाद उनकी सिक्योरिटी पॉलिसीज सवालों के घेरे में आ गई। इस हमलें ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था जिसके बाद, पाटिल को भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। काफी सोच-विचार के बाद सुरक्षा में हुई चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को उन्होंने गृह मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद भी उन्होंने देश की सेवा और राजनीति में अपना योगदान जारी रखा।
लगभग पांच दशक के पार्लियामेंट्री, एडमिनिस्ट्रेटिव एक्सपीरियंस और लोकसभा स्पीकर के तौर पर उनके योगदान को भुलाया नहीे जा सकता। शिवराज पाटिल को भारतीय राजनीति में एक अहम और अनुभवी शख्सियत के तौर हमेशा याद किया जाएगा।