IAS Ayush Goel Success Story: आयुष ने अपनी 28 लाख रुपये सलाना की नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी करने का मन बनाया। उन्होंने सिर्फ 7 महीने काम किया था। उनके पिता ने लोन लेकर उन्हें पढ़ाया था।
IAS Ayush Goel Success Story: पिता ने बेटो को कॉलेज की डिग्री दिलाने के लिए बैंक से लोन लिया था। लोन की किस्तें अभी पूरी भी नहीं हुई कि बेटे ने 28 लाख सलाना की नौकरी छोड़ने का मन बना लिया। परिवार हैरान-परेशान कि अब क्या करें। लेकिन बेटे के सिर यूपीएससी का भूत चढ़ गया था। बेटे ने ठान लिया था कि अब नौकरी नहीं करनी बल्कि IAS बनना है। हम बात करे रहैं, IAS आयुष गोयल की। आयुष 2023 में IAS बने और फिलहाल उन्हें केरल कैडर आवंटित हुआ है।
ऐसे बहुत से लोग हैं जो नौकरी पाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो लाखों-करोड़ों का पैकेज पाकर भी खुश नहीं होते हैं और सब छोड़कर निकल जाते हैं अपने सपनों को पूरा करने या यूं कहें कि एक नई तलाश पर। आयुष गोयल की तलाश यूपीएससी पर जाकर खत्म हुई। 28 लाख का पैकेज पाने के बाद भी आयुष का मन 9-5 में नहीं लग रहा था और उन्होंने सिर्फ 7 महीने में अपनी नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। शुरुआत में परिवार को उनका ये फैसला सही नहीं लगा। हालांकि, आयुष ने अपने सपनों को सच कर दिखाया।
आयुष दिल्ली के रहने वाले हैं। हालांकि, उनकी पढ़ाई किसी कॉन्वेंट स्कूल से नहीं बल्कि सरकारी स्कूल, राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय से हुई है। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद उन्होंने CAT की तैयारी की और IIM कोझिकोड निकाल लिया। एमबीए करने के बाद उन्हें अच्छी प्लेसमेंट मिली।
आयुष के पिता सुभाष चंद्र गोयल किराने की दुकान चलाते हैं। उन्होंने बेटे का दाखिला IIM में कराने के लिए 20 लाख का लोन लिया था। ऐसे में जब आयुष को नौकरी तो मिली परिवार वालों ने राहत की सांस ली। हालांकि, जब आयुष ने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया तो परिवार वाले एक बार फिर परेशान हो गए।
आयुष ने अपनी 28 लाख रुपये सलाना की नौकरी छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी करने का मन बनाया। उन्होंने सिर्फ 7 महीने काम किया था, जिसके बाद उन्हें महसूस हुआ कि यूपीएससी सीएसई की तैयारी करनी चाहिए। वे IAS की नौकरी पाना चाहते थे। उन्हें पता था कि इस सपने को पूरा करने के लिए लाखों की सैलरी वाली नौकरी को छोड़ना कितना बड़ा रिस्क था। लेकिन वो इस रिस्क को उठाने के लिए तैयार थे।
आयुष हमेशा से पढ़ने में तेज थे। उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 91.2 प्रतिशत और कक्षा 96.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किया था। यही कारण था कि माता-पिता को भी उनसे काफी उम्मीदें थीं। आयुष ने यूपीएससी में EWS कोटा के तहत ऑल इंडिया रैंक (AIR) 171 हासिल की।