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Success Story: मां को देख उठाया ये कदम, जानिए राजस्थान कैडर की IAS परी बिश्नोई की सक्सेस स्टोरी 

UPSC Success Story: परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई राजस्थान से की है। राजस्थान कैडर की इस खूबसूरत IAS के बारे में जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

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UPSC Success Story: कड़ी मेहनत और निरंतर प्रयास से सफलता जरूर मिलती है। हमारे बीच कई ऐसे सिविल सेवा अधिकारी हैं, जिन्होंने इस बात को सच कर दिखाया है। कुछ ऐसी ही कहानी है आईएएस परी बिश्नोई की, जिन्होंने यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 30 हासिल की थी। उन्हें आईएएस बनने की प्रेरणा उनकी मां से मिली। वे इस समय सिक्किम में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं। आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी -

यूपीएससी के साथ ये बड़ा एग्जाम भी कर चुकी हैं क्रैक (Success Story)

परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाली हैं। उनके पिता मनीराम बिश्नोई वकील हैं और उनकी माता सुशीला बिश्नोई जीआरपी में अधिकारी है। वहीं, परी के दादाजी गोपीराम बिश्नोई काकड़ा गांव के चार बार सरपंच रह चुके हैं। परी की स्कूली पढ़ाई अजमेर के सेंट मैरी स्कूल से हुई। 10वीं में उन्हें 91 प्रतिशत मिले थे। वहीं 12वीं में उन्होंने 89 प्रतिशत हासिल किया। कॉलेज की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली आ गईं। यहां दिल्ली विश्वविद्यालय के आईपी (फॉर वुमन) कॉलेज से उन्होंने पढ़ाई की। इसके बाद पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से की। यहां से उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में एमए किया था। खबरों की मानें तो उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास करने से पहले यूजीसी नेट (UGC NET) परीक्षा भी पास की थी। परी ने दो बार यूपीएससी परीक्षा में हार का सामना किया। लेकिन अपने तीसरे प्रयास में वो सफल (Success Story Of Pari Bishnoi) रहीं।

मां से मिली प्रेरणा (Success Story)

आईएएस परी बिश्नोई ने कहा कि सिविल सेवा में आने की प्रेरणा उन्हें अपनी मां से मिली। उनकी मां राजस्थान पुलिस में थी। वे राज्य के कई सारे थाने में SHO पद पर रही हैं। परी बिश्नोई का कहना है कि उन्होंने हमेशा से अपनी मां को समाज और देश के लिए काम करते देखा है। उनकी मां जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं को सुलझाती थीं। 

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