Trainee IAS Salary And Facilities: आईपीएस, आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को सैलरी के अलावा कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। वहीं यूपीएससी ने अफसरों के लिए कुछ नियम भी बनाए हैं। आइए, जानते हैं ट्रेनी आईएएस को मिलनी वाली सुविधाएं और उनकी सैलरी
Trainee IAS Salary And Facilities: आईएएस, आईआरएस, आईएफएस, आईपीएस जैसी सिविल सेवाओं का हिस्सा बनने के लिए देश और दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC CSE पास करना पड़ता है। जितनी कठिन ये परीक्षा है उतनी ही कठिन इसकी ट्रेनिंग भी होती है। ट्रेनिंग के दौरान भी अधिकारियों को सैलरी के अलावा कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें रहना और भोजन आदि शामिल है। हालांकि, ट्रेनी अफसरों के लिए यूपीएससी ने कुछ नियम भी बनाए हैं, जिसका पालन सभी को करना होता है। आइए, जानते हैं कि एक ट्रेनी आईएएस (Trainee IAS) को ट्रेनिंग के दौरान क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं और उनकी सैलरी कितनी होती है।
हाल ही में अनुचित मांग को लेकर ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (Trainee IAS Pooja Khedkar) चर्चा में आई। उन्होंने अपने प्रोबेशन पीरियड के दौरान सरकारी आवास, गाड़ी व अन्य सुविधाओं की मांग रखी। इसके बाद से वे विवादों में आ गई। उनकी इस मांग को लेकर दो तरह के मत हैं। हालांकि, यूपीएससी ने ट्रेनी अधिकारियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं।
देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC पास करने पर दो सालों की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें अधिकारियों को अनुशसान, कठिन हालातों में लड़ना, प्रशासन आदि के बारे में सिखाया जाता है। इस ट्रेनिंग के बाद अधिकारियों को फील्ड पर पोस्टिंग दी जाती है। इस दौरान उनके रहने और खाने की पूरी जिम्मेदारी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की होती है।
ट्रेनिंग के दौरान सभी अधिकारियों को एक समान सैलरी दी जाती है। ट्रेनी अधिकारियों को 50-70 हजार रुपये प्रति महीने इन हैंड दिए जाते हैं। ट्रेनिंग के लोकेशन के हिसाब से सैलरी में कोई बदलाव नहीं होते हैं। हालांकि, इस ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग फेज होते हैं जिस हिसाब से सैलरी घटती या बढ़ती है।
ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा रहने-खाने की पूरी सुविधा दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान फील्ड पोस्टिंग पर अधिकारियों को टीए (Travel Allowance) और डीए (Dearness Allowance) दिया जाता है। इस दौरान वे गेस्ट हाउस या फिर होटल का कमरा लेकर रह सकते हैं।
ट्रेनिंग के दौरान अधिकारियों को सरकारी आवास, गाड़ी, ड्राइवर, स्टाफ आदि की सुविधा नहीं मिलती है। इसके साथ ही उन्हें अलग केबिन की सुविधा भी नहीं दी जाती है।
आईएएस और आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान कैंडिडेट को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस दौरान उन्हें एक्स्ट्रा करिकुलर मॉड्यूल्स जैसे कि लीडरशिप, आर्ट ऑफ लिविंग और ट्रैकिंग जैसी एक्टिविटीज में भाग लेने का मौका मिलता है। इसके साथ ही उन्हें रक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति जैसी बड़ी हस्तियों के साथ कॉल ऑन का मौका मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इन्हीं सब एक्टिविटीज से फील्ड एक्सपोजर हासिल करके अधिकारी सिविल सेवा का असली मतलब समझ पाते हैं।