फीस वापसी को लेकर UGC में नया गाइडलाइन जारी किया है। जिसमें एडमिशन लेने के बाद अगर कोई छात्र तय समय के अंदर अपना एडमिशन रद्द करता है तो नियम के अनुसार उसके पैसे वापस कर दिए जाएंगे।
UGC New Guidelines: इस बात को लेकर कई बार छात्र और कॉलेज मैनेजमेंट के बीच बहस की स्थिति हो जाती है कि कॉलेज छात्र की फीस वापस नहीं कर रही होती है।कई बार छात्र किसी कॉलेज में दाखिला लेने के बाद बेहतर कॉलेज या कोर्स मिलने पर अपना एडमिशन रद्द कर देते हैं। ऐसी स्थिति में कई कॉलेज पूरी फीस वापस नहीं करते या भारी कटौती कर लेते हैं। इसी को देखते हुए University Grants Commission (UGC) ने आदेश जारी किया है। UGC ने नए सत्र से फीस वापसी के नियमों को सख्त कर दिया है, ताकि छात्रों को आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े और वे अपनी पसंद का कॉलेज या कोर्स चुन सकें।नए दिशा-निर्देशों के तहत अब कोई भी कॉलेज छात्रों से मनमानी नहीं कर सकेगा।
सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों को इन नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। अगर कोई संस्थान इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है, तो यूजीसी उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है। यूजीसी ने फीस वापसी के लिए स्पष्ट समयसीमा तय की है। यदि कोई छात्र 30 सितंबर 2026 तक अपना एडमिशन रद्द करता है या किसी अन्य संस्थान में माइग्रेट होता है, तो कॉलेज को पूरी फीस बिना किसी कटौती के लौटानी होगी। वहीं, 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2026 के बीच एडमिशन रद्द करने पर संस्थान अधिकतम 1,000 तक प्रोसेसिंग शुल्क काट सकता है।
जिन संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2026 के बाद भी चलती है, वहां यूजीसी की अक्टूबर 2018 का नोटिफिकेशन लागू होगा। उस नियम के तहत, एडमिशन की अंतिम तारीख के अनुसार फीस वापसी का प्रतिशत तय किया जाएगा। यह नीति न केवल 2025–26 शैक्षणिक सत्र पर लागू होगी, बल्कि भविष्य में भी तब तक प्रभावी रहेगी जब तक यूजीसी इसमें संशोधन नहीं करता।
यूजीसी ने सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को चेतावनी दी है कि नए नियमों का उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें संस्थान की मान्यता रद्द करना, मान्यता में कटौती करना या नए ऑनलाइन/ओडीएल प्रोग्राम के लिए आवेदन अस्वीकार करना शामिल है। साथ ही, कॉलेज किसी भी छात्र के ओरिजिनल डाक्यूमेंट्स रोक नहीं सकेंगे। पहले कई छात्रों ने शिकायत की थी कि संस्थान सर्टिफिकेट नहीं लौटाते, जिससे उन्हें दूसरे कॉलेज में एडमिशन लेने में मुश्किल होती थी।