शिक्षा

UPSC CSE: अब यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा में दर्ज कर सकेंगे आपत्ति, एग्जाम के तुरंत बाद जारी होगी आंसर-की

UPSC: अब उम्मीदवार परीक्षा के प्रश्नपत्र और आंसर-की पर आपत्तियां भी दर्ज करवा सकेंगे। हालांकि फाइनल आंसर-की तो परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही जारी की जाएगी।

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Oct 04, 2025
UPSC(Image-UPSC)

UPSC परीक्षा को लेकर बड़ा और जरुरी अपडेट सामने आया है। यूपीएससी ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी करने का निर्णय लिया है। लंबे समय से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थी इस मांग को उठाते आ रहे थे। अब यूपीएससी ने फैसला किया है कि प्रीलिम्स परीक्षा के बाद आंसर-की जारी की जाएगी। अब उम्मीदवार परीक्षा के प्रश्नपत्र और आंसर-की पर आपत्तियां भी दर्ज करवा सकेंगे। हालांकि फाइनल आंसर-की तो परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही जारी की जाएगी।

UPSC CSE: मिलेगा आपत्ति दर्ज करने का मौका


इससे पहले यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा की आंसर-की केवल फाइनल रिजल्ट के बाद ही सार्वजनिक करता था, लेकिन अब यह बदलाव पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। आयोग ने बताया कि उम्मीदवार अपनी आपत्तियों के साथ कम से कम तीन आधिकारिक या प्रामाणिक सोर्स जमा करेंगे। इसके बाद विषय एक्सपर्ट की टीम इन आपत्तियों की जांच करेगी और फाइनल आंसर-की तैयार करेगी। फाइनल रिजल्ट इसी फाइनल आंसर-की के आधार पर घोषित किया जाएगा। सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों ने कई वर्षों से यह शिकायत की थी कि प्रीलिम्स में हुई गलतियों पर आपत्ति दर्ज करने का कोई स्पष्ट तरीका नहीं था। हर साल लगभग 5 लाख उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन केवल 12 से 15 हजार ही मुख्य परीक्षा के लिए क्वालिफाई कर पाते हैं।

UPSC: सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामला


यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट में लंबित एक रिट याचिका के संदर्भ में लिया गया है। याचिका में मांग की गई थी कि यूपीएससी प्रीलिम्स आंसर-की को फाइनल रिजल्ट के बाद जारी करने की प्रथा को समाप्त किया जाए और इसे परीक्षा के तुरंत बाद जारी किया जाए। इससे पहले आयोग प्रीलिम्स के तुरंत बाद आंसर-की जारी करने के प्रस्ताव का विरोध करता रहा है। मई में भी आयोग ने इसे सही नहीं बताते हुए चेतावनी दी थी कि इससे परीक्षा प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

UPSC: छात्रों को मिलेगा फायदा


यूपीएससी के इस फैसले से परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल है। उनका मानना है कि इससे परीक्षा का आकलन किया जा सकेगा और गलत प्रश्न को लेकर आपत्ति दर्ज करने से भी छात्रों को फायदा होगा। इससे सिविल सेवा चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

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