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UPSC Success Story: बुलंदशहर के बेटे ने दूसरे ही प्रयास में पाई सफलता, जानिए किस तरह की UPSC की तैयारी

UPSC Success Story: विभोर भारद्वाज उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ही CSE परीक्षा में सफलता हासिल कर ली। आइए, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी-

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May 26, 2025
विभोर भारद्वाज सक्सेस स्टोरी (क्रेडिट- पत्रिका)

UPSC Success Story: सिविल सेवा देश की कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसे क्रैक करने के लिए न सिर्फ मेहनत और धैर्य चाहिए बल्कि मोटिवेशन, अनुशासन और आत्मविश्ववास चाहिए। आज हम एक ऐसे युवक की कहानी बताएंगे जो बुलंदशहर के एक छोटे से गांव से आता है और जिसने अपना सपना सच कर दिखाया। हम बात कर रहे हैं विभोर भारद्वाज (Vibhor Bhardwaj) की, जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी (Success Story)-

समाज सेवा की भावना के कारण चुना यूपीएससी का करियर

विभोर भारद्वाज उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के उत्रावली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता मैकेनिकल इंजीनियर और मां हाउस वाइफ हैं। वे शुरू से ही मेहनती और अनुशासित थे। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में पढ़ते हुए उन्होंने यमुना खादर की स्लम बस्तियों में सेवा का काम किया था। यहीं से उनमें समाज सेवा का भाव जागा। उन्होंने तय कर लिया कि सिविल सेवा ही इसके लिए एकमात्र रास्ता है। इस तरह उनकी यूपीएससी की जरनी शुरू हुई। 

कहां से और कितने पढ़े लिखे हैं विभोर भारद्वाज 

विभोर भारद्वाज की शुरुआती पढ़ाई उनके गृह जिले बुलंदशहर से ही हुई। इसके बाद उनकी पढ़ाई DU के हंसराज कॉलेज से हुई। यहां उन्होंने NSS में भी भाग लिया। वे फिजिक्स से MSc हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन के अंतिम सेमेस्टर में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। वर्ष 2021 में उन्होंने ऑनलाइन कोचिंग के जरिए सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।

दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन फाइनल लिस्ट से हुए बाहर

वर्ष 2022 में पहले प्रयास में ही विभोर ने AIR 743 मिला और IRMS हासिल किया। वहीं दूसरे प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन फाइनल लिस्ट से बाहर हो गए। तीसरे प्रयास में विभोर ने यूपीएससी सीएसई 2024 में ऑल इंडिया रैंक 19 हासिल किया। फिजिक्स की गहरी समझ होने के कारण उन्होंने अपना ऑप्शनल फिजिक्स को ही चुना था। 

इस तरह की यूपीएससी की तैयारी

विभोर ने यूपीएससी की तैयारी ऑनलाइन ही की। लेकिन GS के लिए कोचिंग क्लासेज ली थी। उन्होंने पुराने साल के सवाल प्रैक्टिस करना, नोट्स बनाना और करेंट अफेयर्स का रिवीजन करने पर फोकस किया। इसके अलावा वे अखबार, वेबसाइट, मैगजीन और रिपोर्ट्स से कंटेंट इकट्ठा करके पढ़ करते थे और अपना नोट्स बनाते थे। विभोर ने यूपीएससी के लिए तीन चीजों को बहुत जरूरी बताया, सिलेबस, रिवीजन और पुराने साल के प्रश्न। 

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