उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर क्षेत्र स्थित मोहनपुर गांव में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई। दोनों गुटों में जमकर पत्थरबाजी की गई।
एटा जिले के जलेसर क्षेत्र में हुई घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल बन गया और पथराव में दोनों पक्षों से करीब एक दर्जन लोग घायल हो गए। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मामला सोमवार देर रात का है जब कुछ अराजक तत्वों ने कल्याण सिंह की प्रतिमा पर पत्थर फेंककर उसे नुकसान पहुंचाया। यह प्रतिमा दो साल पहले गांववासियों के सहयोग से स्थापित की गई थी। मंगलवार सुबह जब ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली तो आक्रोश फैल गया। लोधी समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हो गए, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराने की कोशिश की।
ग्रामीणों का आरोप है कि सोमवार की रात डॉ. भीमराव अंबेडकर की शोभायात्रा के दौरान कुछ लोगों ने प्रतिमा पर पथराव किया। इसे लेकर लोधी और जाटव समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया। दोपहर के समय, जब बातचीत के लिए दोनों पक्ष एकत्र हुए, तो अचानक कहासुनी बढ़कर पथराव में बदल गई। दोनों ओर से करीब आधे घंटे तक जमकर पत्थरबाज़ी हुई जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग चोटिल हो गए।
जाटव समुदाय का आरोप है कि विरोधी पक्ष के लोगों ने उनके मोहल्ले में घुसकर पत्थरबाजी की, जिससे जवाबी कार्रवाई में छतों से भी पथराव किया गया। घटना में कई मकानों के शेड टूट गए। जलेसर पुलिस थाने में एक पक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिसकर्मी मामले में पक्षपात कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही एएसपी राजकुमार सिंह, एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश, सीओ सदर, सीओ ट्रैफिक समेत कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पीएसी की तैनाती भी की गई है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और गांव में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कल्याण सिंह की प्रतिमा तोड़ने के आरोप में यादराम वर्मा की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। डीएम और एसएसपी ने गांव में फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।