सिंचाई विभाग के मुख्य कार्यालय में सोमवार की सुबह तड़के भीषण आग लग गई। देखते ही देखते 6 कमरों को अपने चपेट में ले लिया। जिससे 50 वर्ष पुरानी सरकारी फ़ाइलें और कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका जल गई है। अभी प्रारंभिक जांच में यह वजह सामने आई है।
इटावा के सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित सिंचाई विभाग के मुख्य कार्यालय में सोमवार सुबह तड़के भीषण आग लग गई। आग की चपेट में आकर विभाग का करीब 50 वर्षों पुराना रिकॉर्ड जलकर राख हो गया। हादसे से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।
इटावा में सिंचाई विभाग के मुख्यालय में लगी आग ने वर्षों की मेहनत और सरकारी दस्तावेजों को पल भर में नष्ट कर दिया। सिविल लाइन इलाके में स्थित कार्यालय परिसर में आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते करीब छह कमरों को अपनी चपेट में ले लिया। आग में विभाग से जुड़ी हजारों फाइलें, अधिकारियों और कर्मचारियों का व्यक्तिगत रिकॉर्ड पूरी तरह जलकर खाक हो गया।
घटना की सूचना तड़के करीब 6:30 बजे दमकल विभाग को दी गई। जिसके बाद फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकल कर्मियों ने कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक विभाग को भारी नुकसान हो चुका था। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के लोगों में भी दहशत का माहौल बन गया।
सिंचाई विभाग के चौकीदार का कहना है कि वह सुबह करीब 5:30 बजे परिसर में टहलने पहुंचे थे। तभी उन्हें आग की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने तत्काल अधिकारियों को सूचित किया। वहीं विभाग के कर्मचारी कमलेश कुमार के अनुसार, आग में कर्मचारियों से जुड़ा पुराना और महत्वपूर्ण रिकॉर्ड पूरी तरह नष्ट हो गया है।
एक दमकल कर्मी बताया कि सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और लगातार पानी डालकर आग पर नियंत्रण किया गया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, लेकिन जिस तरह से आग फैली, उसने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। हैरानी की बात यह रही कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सिंचाई विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसे लेकर विभागीय लापरवाही और आग के वास्तविक कारणों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रशासनिक स्तर पर अब नुकसान का आकलन और जांच की प्रक्रिया शुरू होने की बात कही जा रही है।