बालोद जिला मुख्यालय की सबसे पुरानी व बहुप्रतीक्षित मांग बालोद-पाररास रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज बनाने की घोषणा के बाद भी इसका निर्माण अभी तक आरंभ नहीं हो पाया है।
Overbridge Construction : बालोद जिला मुख्यालय की सबसे पुरानी व बहुप्रतीक्षित मांग बालोद-पाररास रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज बनाने की घोषणा के बाद भी इसका निर्माण अभी तक आरंभ नहीं हो पाया है। सेतु विभाग की टीम समय-समय पर रेलवे फाटक व इस मार्ग की निरीक्षण करने भी पहुंच रही है। दरअसल केंद्र सरकार से अनुमति मिल गई है। राज्य सरकार स्तर पर कुछ कार्य शेष रह गए हैं, जिसे पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। जिला व शासन स्तर में मुआवजा प्रकरण फाइनल नहीं हो पाया है। नतीजा यह है कि विगत तीन साल पहले हुई ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। वहीं अब जिले के भाजपा नेता यशवंत जैन व भाजपा जिला अध्यक्ष चेमन देशमुख ने उप मुख्यमंत्री अरुण साव से मिलकर तत्काल ओवरब्रिज निर्माण के लिए पूरी प्रकिया जल्द से जल्द पूरा कर कार्रवाई शुरू करने की मांग की है।
ओवर ब्रिज निर्माण में लगभग 70 से अधिक लोगों की जमीन दायरे में आ रही है पर अभी तक इस मामले में मुआवजा प्रकरण पूरा नहीं हो पाया है। अब जब तक मुआवजा प्रकरण व बिजली पोल शिफ्टिंग का काम नहीं होगा तब तक आगे की कार्यवाही नहीं होगी। इसी लेटलतीफी के कारण अब जनप्रतिनिधी भी लगातार शासन-प्रशासन से सम्पर्क कर जल्द से जल्द ओवरब्रिज निर्माण शुरू कराने की मांग मंत्री से कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें :
जिले की आबादी बढऩे के साथ यहां वाहनों की संख्या भी बढ़ गई है। शहर में ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ गया है। पाररास रेलवे फाटक के पास बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने ओवरब्रिज की स्वीकृति पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में मिली थी। राज्य शासन ने बजट में शामिल भी किया था। रेलवे ने पाररास रेलवे फाटक के पास ओवरब्रिज बनाने की जो ड्राइंग पहले तैयार की थी। उस ड्राइंग को निरस्त कर नए सिरे से ड्राइंग तैयार की गई है।
सेतु विभाग के मुताबिक यह ओवरब्रिज 800 मीटर से एक किमी के बीच बनाया जा सकता है। रेलवे इसकी फाइनल सूची सेतु विभाग को जल्द ही भेजेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 38 करोड़ रहेगी। हालांकि प्रोजेक्ट में मुआवजा और अन्य प्रक्रियाओं को मिलाएं तो लगभग 50 करोड़ के करीब प्रोजेक्ट की लागत आएगी।
यह भी पढ़ें :
बीते माह ही सेतु विभाग की टीम द्वारा रेलवे फाटक के दोनों ओर बालोद व पाररास के तरफ सर्वे किया। जिन लोगों की जमीन दायरे में आ रही है। उसकी विभाग ने मार्किंग तो कर दी है पर आगे की प्रक्रिया रुकी हुई है। सेतु विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ओवरब्रिज के साथ पाररास व बालोद में बड़ा चौक बनेगा। साथ ही इसी चौक से होकर सर्विस मार्ग भी बनेगा।
बालोद से राजनांदगांव मुख्य मार्ग होने की वजह से इस मार्ग में रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। दिन में 10 से अधिक बार रेलवे फाटक 10-15 मिनट के लिए बंद किया जाता है। व्यस्ततम मार्ग होने के कारण रेलवे फाटक बंद होने से जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। जाम में एम्बुलेंस भी फंस जाती है। यहां ओवरब्रिज की मांग विगत 20 वर्षों से लगातार की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिले से होकर गुजरे रेलवे मार्ग में लगभग 20 से अधिक जगहों पर रेलवे क्रॉसिंग है। हालांकि सभी रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरब्रिज बनकर तैयार हैं, जिससे राहगीरों को आने-जाने में परेशानी नहीं हो रही है पर बरसात के दिनों में कुछ अंडरब्रिजों में पानी भरने की समस्या है। बालोद रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज बनाने की योजना है लेकिन यह योजना सिर्फ कागजों में धीमी गती से चल रही है।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा यशवंत जैन ने नेशनल हाइवे में डिवाइडर निर्माण व प्रकाश व्यवस्था की मांग उपमुख्यमंत्री अरुण साव से की है। मंत्री ने आश्वासन भी दिया है।
संजारी बालोद विधायक का कहना है कि लगातार मांग के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में ही ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिली। लगातार उच्च अधिकारियों से पत्राचार व मिलकर जल्द से जल्द ओवरब्रिज निर्माण शुरू कराने पर चर्चा की जा रही है।
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य यशवंत जैन ने कहा कि बीते कुछ माह पहले ही सेतु विभाग व रेलवे विभाग के अधिकारियों से रेलवे ओवरब्रिज निर्माण के विषय में चर्चा की। हाल ही में उप मुख्यमंत्री अरुण साव से भी मुलाकात कर उन्हें मांग पत्र सौपा है। जल्द से जल्द ओवरब्रिज निर्माण व नेशनल हाइवे में डिवाइडर निर्माण की स्वीकृति देकर कार्य शुरू कराने की मांग की गई।