FIR filed against five policemen including Kotwali incharge inspector फर्रुखाबाद में पांच पुलिसकर्मियों पर गलत साक्ष्य प्रस्तुत करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें कोतवाली प्रभारी निरीक्षक और एक दरोगा भी शामिल है। घटना में एडीजी के आदेश पर सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
FIR filed against five policemen including Kotwali incharge inspector उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में पुलिस ने वाहन ठीक करने के लिए मैकेनिक को बुलाया। उसी को तमंचा की बरामदगी दिखा कर जेल भेज दिया गया। इस संबंध में भाई ने क्षेत्राधिकारी से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए शिकायत की। सीओ की जांच में घटना का खुलासा हुआ। पांच पुलिसकर्मियों को फर्जी तरीके से तमंचे की बरामदगी दिखा जेल भेजने की पुष्टि हुई। एडीजी के निर्देश पर तत्कालीन इंस्पेक्टर, दरोगा सहित पांच पुलिसकर्मियों पर बीएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। दर्ज मुकदमे में अधिकतम सजा 7 वर्ष की हो सकती है। मामला मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र का है।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के पीपरगांव निवासी कृष्ण कुमार ने क्षेत्राधिकारी नगर को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसका भाई नंदू मोटरसाइकिल का मिस्त्री है। बीते 18 अगस्त को मोटरसाइकिल ठीक करने की बहाने मोहम्मदाबाद कोतवाली में बुलाया गया। अगले दिन उसे लेकर नदी के किनारे पहुंच गए। जहां उन्होंने नंदू को एक तमंचा दिया और कहा भाग जाओ नहीं तो गोली मार देंगे। पहले तो नंदू कुछ समझ नहीं पाया। बाद में भागने को मजबूर हुआ। जिसका पुलिस वालों ने वीडियो बना लिया और उसे आर्म्स एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसमें ग्राम प्रधान की भी साजिश है।
मोहम्मदाबाद कोतवाली टीम के खिलाफ मिली शिकायत की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्राधिकारी नगर राजेश द्विवेदी ने मामले की जांच की। जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि गलत साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। फर्जी तरीके से कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज भाटी, दरोगा महेंद्र सिंह, सिपाही अंशुमन चाहर, राजन पाल, यशवीर सिंह ने नंदू को गिरफ्तार किया है। एडीजी के आदेश पर तत्कालीन कोतवाली प्रभारी सहित पांच पर बीएनएस की धारा 229 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।