Holika Dahan Ki Raat Ke Upay: होलिका की रात लोग होली की राख घर लेकर आते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसका क्या करना चाहिए। साथ ही जानते हैं कि होलिका दहन कैसे करें (Holi Ki Rakh Ka Upay)
Holi Ki Rakh Ka Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होली का त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा 2025 आज 13 मार्च को मानी जा रही है। अगले दिन 14 मार्च को रंग खेला जाएगा।
इसके अलावा होलिका दहन की रात तंत्र क्रिया के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस दिन होलिका दहन के सिद्ध उपाय मनोकामना पूरी करते है, जीवन में धन धान्य की वृद्धि होती है। नौकरी और व्यापार में तरक्की मिलती है। आइये जानते हैं होली की रात के उपाय (Holi Ki Rat Ke Upay)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिका दहन के बाद जल से अर्घ्य दें, शुभ मुहूर्त में होलिका में स्वयं या परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित कराएं।
आग में किसी भी फसल को सेंक लें और अगले दिन इसे सपरिवार ग्रहण करें। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
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ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिका दहन की रात को भी दीपावली और शिव रात्रि की भांति ही महारात्रि की श्रेणी में शामिल किया गया है। इस दिन होलिका की राख को मस्तक पर लगाने का भी विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होते हैं।
होली की रात मंत्र जाप करने से मंत्र सिद्धि होते हैं। जीवन सुखमय बनता है, जीवन में आने वाली सभी परेशानियों का अपने आप निराकरण हो जाता है।
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ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होलिकादहन करने या फिर उसके दर्शन मात्र से भी व्यक्ति को शनि, राहु-केतु के दुष्प्रभाव और नजर दोष से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि होली की भस्म का टीका लगाने से नजर दोष और प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
किसी मनोकामना को पूरा करना चाहते हैं तो जलती होली में 3 गोमती चक्र हाथ में लेकर अपनी इच्छा को 21 बार मन में बोलकर तीनों गोमती चक्र को अग्नि में डालकर अग्नि को प्रणाम करके वापस आ जाएं।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति घर में भस्म चांदी की डिब्बी में रखता है तो उसकी कई बाधाएं अपने आप ही दूर हो जाती हैं।
अपने काम में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए आटे का चौमुखा दीपक सरसों के तेल से भरकर उसमें कुछ दाने काले तिल,एक बताशा, सिंदूर और एक तांबे का सिक्का डालकर उसे होली की अग्नि से जलाएं।
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अब इस दीपक को घर के पीड़ित व्यक्ति के सिर से उतारकर किसी सुनसान चौराहे पर रखकर बगैर पीछे मुड़े वापस आकर अपने हाथ-पैर धोकर घर में प्रवेश कर लें।