त्योहार

इस समय भाई की कलाई पर बांधें राखी, बीमारी और अपशकुन से बचेगा भाई, रक्षा बंधन करते समय पढ़ें यह मंत्र

Raksha Bandhan best time: आजकाल रक्षाबंधन सिर्फ भाई बहनों का त्योहार बन गया है। लेकिन यह एक वार्षिक अनुष्ठान है जो वैदिक काल से श्रावण पूर्णिमा पर चला आ रहा है। पहले यहा भूत-प्रेत, बुरी आत्माओं और पिशाचों के भय को दूर करने के लिए किया जाता था। रक्षा बंधन की रस्म निभाने से भाई बीमारियों और अपशकुनों से भी बचता है। आइये जानते हैं कब बांधे भाई की कलाई पर राखी बांधे और कैसे पूजा करें...

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Aug 18, 2024
इस समय भाई की कलाई पर बांधें राखी, बीमारी और अपशकुन से बचेगा भाई, रक्षा बंधन करते समय पढ़ें यह मंत्र

कब है रक्षाबंधन 2024 और क्या है महत्व

Raksha Bandhan best time: रक्षा बंधन का अर्थ भाई की कलाई पर दिव्य अनुष्ठानिक धागा बांधना है, जो भाई को सभी तरह की बुराइयों से बचाता है। यह भाई को निडर बनाता है। वैसे पहली बार भगवान इंद्र की पत्नी शची ने युद्ध में राक्षसों से अपने पति की रक्षा के लिए रक्षा की रचना की थी। तब से रक्षा को विजय, सुख, पुत्र, पौत्र, धन और स्वास्थ्य के लिए पूजा जाता है।

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राखी का त्योहार सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। सावन पूर्णिमा 2024 की शुरुआत सोमवार 19 अगस्त 2024 को सुबह 3.04 बजे से हो रही है, सावन पूर्णिमा तिथि का समापन 19 अगस्त रात 11.55 बजे तक है। उदया तिथि में सावन पूर्णिमा 19 अगस्त सोमवार को है। इसी दिन रक्षाबंधन है। इस साल रक्षाबंधन में राखी बांधने का समय 7 घंटा 34 मिनट है।

रक्षाबंधन अनुष्ठान का समयः सोमवार दोपहर 01:30 बजे से रात 09:03 बजे तक
रक्षाबंधन के लिए अपराह्न का मुहूर्तः दोपहर 01:41 बजे से शाम 04:15 बजे तक
अवधिः 02 घंटे 34 मिनट्स
रक्षांबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्तः सोमवार शाम 06:49 बजे से रात 09:03 बजे तक
अवधिः 02 घंटे 14 मिनट्स

कब से कब तक है भद्रा

रक्षाबंधन भद्रा पूंछः 19 अगस्त सुबह 09:51 बजे से सुबह 10:53 बजे तक
रक्षा बंधन भद्रा मुखः 19 अगस्त सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
रक्षा बंधन भद्रा अंत समयः दोपहर 01:30 बजे तक

रक्षाबंधन पर शुभ अशुभ योग

शोभनः 20 अगस्त सुबह 12:47 बजे तक ( 19 अगस्त देर रात)
अतिगंडः 20 अगस्त रात 8.55 बजे तक (सुबह 12.47 बजे से 2.48 बजे तक विष घटी)
सर्वार्थ सिद्धि योगः 19 अगस्त सुबह 05:58 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
रवि योगः 19 अगस्त सुबह 05:58 बजे से सुबह 08:10 बजे तक
सिद्धि योगः 19 अगस्त सुबह 8.10 बजे तक
शुभ योगः 20 अगस्त सुबह 5.45 बजे तक
अमृत योगः पूरे दिन

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राखी बांधने का सबसे अच्छा समय

रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार रक्षाबंधन का सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर बाद का होता है। बशर्ते उस समय भद्रा या कोई अशुभ समय न हो। यदि अपराह्न का समय (दोपहर बाद) भद्रा आदि की वजह से उपयुक्त नहीं है तो प्रदोष काल का समय भी रक्षा बंधन संस्कार के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता के अनुसार भद्रा काल में शुभ काम नहीं करना चाहिए।


बता दें कि भद्रा पूर्णिमा तिथि के पूर्व-अर्ध भाग में व्याप्त रहती है। अतः भद्रा समाप्त होने के बाद ही रक्षा बंधन किया जाना चाहिए। उत्तर भारत में अक्सर परिवारों में सुबह के समय ही रक्षा बंधन किया जाता है जो कि भद्रा व्याप्त होने के कारण अशुभ समय भी हो सकता है। इसीलिए जब प्रातःकाल भद्रा व्याप्त हो तब भद्रा समाप्त होने तक केसमय की प्रतीक्षा करनी चाहिए। हालांकि कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है कि प्रातःकाल भद्रा मुख को त्याग कर भद्रा पूंछ के दौरान रक्षा बंधन किया जा सकता है।

रक्षाबंधन अनुष्ठान विधि

  1. श्रावण पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले प्रातःकाल में पूर्ण स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद देव और पितृ तर्पण करना चाहिए जो देवताओं और पूर्वजों को प्रसन्न करने का अनुष्ठान है।
  2. रक्षाबंधन का अनुष्ठान दोपहर बाद और भद्रा के बाद श्रावण पूर्णिमा पर किया जाता है।
  3. अखंडित चावल सफेद सरसों सोने के धागे की रक्षा पोटली को सूती या ऊनी कपड़े से बुनकर पूजा के लिए साफ कपड़े पर रखना चाहिए।
  4. सभी भूदेवों की पूजा कर उन्हें वस्त्र अर्पित करने चाहिए। फिर रक्षा की पूजा करें, फिर नीचे लिखे मंत्र को पढ़ते हुए भाई की कलाई पर बांधें..येन बद्धो बली राजा, दानवेंद्रो महाबलःतेन त्वामभिबध्नामि रक्षे माचल माचल।।

रक्षाबंधन नियम

  1. रक्षाबंधन यानी सावन पूर्णिमा पर जल्दी उठकर भाई और बहन दोनों स्नान करें।
  2. दोनों साफ या मुमकिन हो तो नए वस्त्र पहनें।
  3. इसके बाद भाई पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बैठ जाए। इस बात का ख्याल रखें कि भाई की पीठ पश्चिम या फिर दक्षिण दिशा में होनी चाहिए।
  4. इसके बाद भाई अपने हाथ में दक्षिणा या फिर चावल लेकर मुट्ठी बांध ले और अपनी बहन से राखी बंधवाएं।
  5. सबसे पहले बहन खुद का और अपने भाई का सिर ढंके, इसके बाद माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर अक्षत लगाए, सीधे हाथ में नारियल देकर भाई के हाथ में रक्षा सूत्र बांधे। इस समय येन बद्धो बली राजा, दानवेंद्रो महाबलःतेन त्वामभिबध्नामि रक्षे माचल माचल।। मंत्र जरूर पढ़ें।
  6. इस राखी में तीन गांठें लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
  7. रक्षा सूत्र बांधने के बाद बहनें भाई का मुंह मीठा कराएं और उनकी आरती उतारें और बदले में भाई अपनी बहन के पैर छुए, उनकी रक्षा का वादा करें और बदले में अपनी यथाशक्ति अनुसार उन्हें कोई उपहार अवश्य दें।
  8. इसके अलावा इस विशेष नियम का खास करके ख्याल रखें कि रक्षा सूत्र कभी भी काले रंग का नहीं होना चाहिए।

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