Singhara Achar Recipe- सर्दियों में चटपटा और हेल्दी खाने का मजा लें सिंघाड़े के खास अचार के साथ।
Singhara Achar Recipe: सर्दियों का मौसम अपने साथ न सिर्फ ठंडी हवा बल्कि स्वादिष्ट और सेहतमंद पकवानों की लंबी सूची भी लेकर आता है। सर्दियों का मौसम आते ही खाने-पीने की नई-नई चीजों का स्वाद लेने का मन करता है। हर किसी का दिल चाहता है, कि खाने में कुछ चटपटा और मसालेदार हो। जो ठंड के इस मौसम में दिल और पेट दोनों को गरमाए रखें। अगर आप आम के अचार या मिर्ची के अचार से बोर हो चुके हैं, तो क्यों न इस बार कुछ नया ट्राई किया जाए।
आज हम आपको सिंघाड़ा जिसे हम पानी फल भी कहते है, का अचार न सिर्फ स्वादिष्ट, बल्कि इसमें सेहत का खजाना भी छिपा हुआ है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, पोटैशियम और आयरन पाया जाता है। जो हमारे शरीर को सर्दियों में मजबूत बनाए रखता है। अगर आप इसे अपनी रसोई में जगह देना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं सिंघाड़ा अचार बनाने की एक बेहद आसान और शानदार रेसिपी।
सबसे पहले सिंघाड़ों को अच्छे से धो लें ताकि उन पर जमी मिट्टी हट जाए। इसके बाद इन्हें उबाल लें ताकि इनका छिलका आसानी से निकल सके। छिलका हटाकर सिंघाड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
सिंघाड़ों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के बाद आप एक कढ़ाई में सरसों का तेल गर्म करें। जब तेल हल्का गर्म हो जाए तो उसमें मेथी दाना और राई डालें। इन मसालों को धीमी आंच पर सुनहरा भून लें। इसके बाद हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छे से मिलाएं। मसालों को अधिक देर तक न भूनें वरना उनका स्वाद कड़वा हो सकता है।
अब कटे हुए सिंघाड़ों को इस मसाले में डालें और हल्के हाथ से मिक्स करें। इन्हें धीमी आंच पर 2-3 मिनट तक पकने दें ताकि मसाले का स्वाद सिंघाड़ों में समा जाए।
अंत में सिंघाड़े अचार में थोड़ा सिरका डालें। यह अचार को न सिर्फ लंबा शेल्फ लाइफ देता है, बल्कि इसे एक अनोखा खट्टा स्वाद भी प्रदान करता है।
अचार को ठंडा होने दें और फिर इसे किसी साफ और सूखे कांच के जार में भर लें। इसे 2-3 दिन तक धूप में रखें ताकि मसाले अच्छी तरह मिल जाएं और स्वाद और भी निखर जाए।
सिंघाड़ा अचार सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें पोटैशियम होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। साथ ही यह पाचन तंत्र को सुधारने में भी मदद करता है। सर्दियों में इसका सेवन आपको न सिर्फ अंदर से गर्म रखता है, बल्कि सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाने में भी सहायक होता है।