Elephant Terror In Gariaband: छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक जारी है, हाथियों का झुंड भोजन की तलाश में जंगलों से निकल कर ग्रामीण इलाकों में आने लगे है, वहीं राजिम में भी दंतैल हाथी के आतंक से ग्रामीण दहशत में है।
Elephant Terror Update News: गरियाबंद जिला मुख्यालय जाने वाले नेशनल हाईवे में पोंड व नागझर के आसपास गुरुवार सुबह एक नर दंतेल को देखा गया। फिलहाल उसके पैरी नदी के किनारे धमतरी जिले के बॉर्डर पर होने की सूचना मिल रही है। बीते 3 दिनों से ये दंतैल पांडुका के जंगलों में मुरमुरा और सांकरा बीट में मौजूद था। इस दौरान उनसे आसपास के 3 गांवों में 5 घरों में तोड़फोड़ की। दरवाजे तोड़े। दीवारें तोड़ी। घरों में रखे धान और चावल भी खा गया।
बीती रात हाथी ने सांकरा और तौरंगा के बीच में एक राइस मिल के दरवाजे को भी तोड़ने की कोशिश की। मिल में मौजूद लोगों के बार-बार चिल्लाने के बाद हाथी यहां से चला गया। इसका वीडियो गुरुवार को सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल रहा। फिर वह जतमई होते हुए तौरेगा गांव चला गया। यहां तेजू साहू के घर का दरवाज तोड़ा। रात में गलियों में घूमते हुए वह गांव के अंतिम छोर पर बसे ईश्वर साहू के घर घुस गया। यहां एक बोरी धान खा गया। इसके बाद पचपेड़ी गांव पहुंचकर विश्राम साहू और खोवाराम साहू के घर में तोड़फोड़ की। इससे पहले खदराही गांव में संतराम के घर को भी नुकसान पहुंचा चुका है।
सूचना पर पांडुका से डिप्टी रेंजर समेत बीटगार्ड मौके पर पहुंचे। नुकसान का मुआयना किया, ताकि पीड़ितों को उचित मुआवजा दिलवाने की प्रक्रिया कर सकेें। बताया जा रहा है कि यह हाथी 3 नर दंतैलों के चंदा दल का सदस्य है, जो पिछले कुछ समय से अकेला घूम रहा है। इसे खतरनाक माना जा रहा है। गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी, इन तीनों के जिलों जंगलों में इसका लगातार आना-जाना रहता है। लोगों को नुकसान से बचाने विभाग लगातार इसके मूवमेंट पर नजर रखे है।