CG News: सेंटरिंग के लिए बांस की जो बल्लियां लगाई गई थीं, वो कभी निकली ही नहीं। धीरे-धीरे रस्सियां पकड़ छोड़ रहीं हैं और बल्लियां खुलकर फ्लवार हो रहीं हैं। मतलब गोल टंकी के चारों ओर बिखर गई हैं।
फिंगेश्वर। ब्लॉक के बासीन गांव में नल-जल योजना आई। पानी की टंकी बनी। पाइप लाइन भी बिछी। इसके बावजूद भरी गर्मी में आधा गांव पानी को तरस रहा है। इसकी इकलौती वजह ठेकेदार की लापरवाही है। अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि टंकी बनाने के बाद ठेकेदार ने इस जगह को पलटकर भी नहीं देखा। सेंटरिंग के लिए बांस की जो बल्लियां लगाई गई थीं, वो कभी निकली ही नहीं। धीरे-धीरे रस्सियां पकड़ छोड़ रहीं हैं और बल्लियां खुलकर फ्लवार हो रहीं हैं। मतलब गोल टंकी के चारों ओर बिखर गई हैं। कुछ दिन और न निकाला गया तो संभव है कि नीचे किसी के सिर पर आ गिरें।
ठेकेदार की मनमानी यहीं खत्म नहीं हुई। घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने के नाम पर पूरे गांव की सड़कें खोद डाली। लोगों के घरोंं तक पानी तो नहीं पहुंचा, रोज के आने-जाने का रास्ता जरूर खराब हो गया। कुछएक लोग इन गड्ढों के चलते गाड़ी से गिरे भी। फैक्ट्रीपारा और आसपास के मोहल्लों की सीसी सड़कों को लेकर आज परेशानी का आलम ये है कि गांव की किसी न किसी बैठकी में लोग ठेकेदार को याद कर रहे होते हैं। बढ़ती गर्मी के साथ इलाके में जल संकट भी गहराता जा रहा है।
लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। इसके लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। बताते हैं कि लोगों के घर तक पाइप तो बिछा दी गई, लेकिन मेन लाइन को अभी तक टंकी से कनेक्ट नहीं किया गया है। इसी वजह से पानी की सप्लाई नहीं हो रही। बता दें कि योजना के तहत गांव में राशन कार्डधारी परिवारोंं को ही कनेक्शन मुहैया कराए गए थे। यानी ठेकेदार की मनमानी से सीधे गरीब प्रभावित हुए हैं।
गांव में फैक्ट्रीपारा के साथ खपरीपारा, मौलीपारा, पोखरा रोड के आसपास के इलाकों में भी पेयजल संकट गहराता जा रहा है। निर्माण गुणवत्ता की स्थिति भही ऐसी है कि सड़कों पर बिछी ज्यादातर पाइप टूट चुकी है। अपनी तकलीफ बताते हुए लोग कहते हैं कि इस अनियमितता के पीछे सीधे तौर पर प्रशासनिक अमला जिम्मेदार है। ठेकेदार तय वक्त पर अपना काम पूरा नहीं कर पाया है। इसके बावजूद संबंधित विभाग के अफसर ठेकेदार को खुला संरक्षण दे रहे हैं। पूरे गांव को परेशान करने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। जबकि, कई दफे इसकी शिकायत भी की जा चुकी है।
नवापारा-राजिम. ग्राम पंचायत तर्री में जल संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव के राजीव गांधी तालाब और डबरी का पानी अज्ञात लोगों ने जानबूझकर खाली कर दिया है। इस कारण ग्रामीणों को पानी की भयंकर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सुभाष तालाब में भी जेसीबी मशीन से खुदाई हो रही है, जबकि यह कार्य मनरेगा योजना के तहत श्रमिकों द्वारा किया जाना था। ग्राम पंचायत में इस मुद्दे पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। सरपंच ने भी अब तक पदभार ग्रहण नहीं किया है। ऐसे में साफ तौर पर यह प्रशासनिक लापरवाही है।
जल संकट के कारण केवल ग्रामवासी ही नहीं, बल्कि बेजुबान पशु भी पानी की तलाश में भटक रहे हैं। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायत के पंच पुरुषोत्तम साहू ने अभनपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने तालाबों में जल पुनर्भरण सुनिश्चित करने और जल संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है। गांववालों ने चेतावनी दी है कि हफ्तेभर में कोई ठोस कदम न उठाया, तो उग्र आंदोलन करेंगे।