CG News: समरसता भवन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह लोगों को शादी-ब्याह, सामाजिक सम्मेलन, धार्मिक आयोजन समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सुलभ और किफायती जगह मिलेगी।
CG News: गांवों और कस्बों में एक बहुउपयोगी समरसता भवन बनाए जाने चाहिए। इसका उद्देश्य सभी समाजों के लिए समान रूप से लाभकारी होना चाहिए। स्थानीय नागरिक, समाजसेवी और ग्राम प्रमुखों का मानना है कि रंगमंच या केवल एकपक्षीय सामुदायिक भवन बनाने के बजाय ऐसे भवन बनाए जाएं जो सभी वर्गों के लिए उपयोगी हो और जिनका संचालन ग्राम पंचायत या नगर पालिका द्वारा किया जाए।
समरसता भवन का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि यह लोगों को शादी-ब्याह, सामाजिक सम्मेलन, धार्मिक आयोजन समेत अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए सुलभ और किफायती जगह मिलेगी। कई गरीब परिवार जो महंगे मैरिज हॉल या निजी भवन किराए पर लेने में सक्षम नहीं होते, उन्हें इससे बड़ी राहत मिलेगी। समाजसेवी नूतन साहू का कहना है, अब गांवों में अलग-अलग समुदायों के लिए सामुदायिक भवन की जरूरत नहीं है। इससे सिर्फ एक समुदाय को ही फायदा होता है और बाकी लोग वंचित रह जाते हैं। अगर समरसता भवन बनेगा, तो इससे सभी समुदायों को समान रूप से फायदा होगा। भाईचारा बढ़ेगा और भेदभाव खत्म होगा।
इस प्रकार के बहुउपयोगी भवनों से सिर्फ सामाजिक मेलजोल ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा। जैसे सजावट, कैटरिंग, साउंड सिस्टम और अन्य सेवाएं, जो इस प्रकार के आयोजनों के दौरान मांग में रहती हैं। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र साहू और शीतला परा ने भी इस विचार का समर्थन किया है। वे मानते हैं कि हर गांव और कस्बे में समरसता भवन का निर्माण प्राथमिकता से होना चाहिए, ताकि सभी वर्गों को फायदा हो।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कुलदीप साहू ने भी कहा कि समरसता भवन का निर्माण अनिवार्य किया जाए, जिससे आम लोगों को महंगे मैरिज हॉल पर निर्भर नहीं रहना पड़े। पूर्व पार्षद योगेंद्र कंसारी ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा, जनप्रतिनिधि इस दिशा में निवेश करें और भवन की देखरेख ग्राम पंचायत या नगर पालिका को सौंपें। इससे आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा। भाईचारे को मजबूती मिलेगी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पहल जल्द लागू की जाती है, तो न सिर्फ आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि सामाजिक एकजुटता भी लंबे समय तक बनी रहेगी।