एमबीए डिग्री धारक ने ज्वेलर्स की चाकू से ताबड़तोड़ वार हत्या कर दी। हत्या करने से पहले उसने क्राइम पेट्रोल सीरियल देखा और उसी के हिसाब से पूरा प्लान तैयार किया। आइये जानते हैं। युवक के नौकरी से लेकर लुटेरा बनने तक की कहानी
गाजियाबाद के मोदीनगर में ज्वैलर गिरधारीलाल की हत्या के मामले में पकड़े गए आरोपी अंकित गुप्ता ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि लूट की योजना दो महीने पहले बनाई थी। वारदात के लिए यूट्यूब वीडियो व क्राइम शो देखकर तैयारी की थी।
मोदीनगर के गोविंदपुरी बाजार में ज्वैलर गिरधारीलाल की हत्या के आरोपी अंकित गुप्ता ने पुलिस कस्टडी में स्वीकार किया कि उसने घटनास्थल पर पहुंचने से पहले हर कदम की बारीकी से प्लानिंग की थी। अंकित के मुताबिक, वह आर्थिक संकट में फंसने के बाद लूट की ओर बढ़ा। पूछताछ में उसने बताया कि MBA करने के बाद वह नौकरी कर रहा था। लेकिन एक ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप के झांसे में आकर भारी नुकसान उठा बैठा। बिटकॉइन ट्रेडिंग में हुए घाटे और लगातार बढ़ते कर्ज ने उसकी जिंदगी को अव्यवस्थित कर दिया। परिवार ने घर बेचकर उसे कुछ रकम भी दी। लेकिन वह 30 लाख रुपये के बैंक लोन के बोझ में दबा रह गया।
इसी दबाव में उसने दो महीने पहले गोविंदपुरी के उसी ज्वैलरी शोरूम को निशाने पर लेने का फैसला किया। जहां बुजुर्ग गिरधारीलाल अकेले बैठते थे। उसने दुकान के आसपास का पूरा नक्शा तैयार किया। आने-जाने का संभावित रास्ता चुना। पहचान छिपाने की योजना भी बनाई। वारदात से पहले उसने ब्लिंकिट से चाकू, चापड़, कैंची और मिर्च पाउडर मंगाया। यूट्यूब वीडियो देखकर उसने सोचा कि आंखों में मिर्च डालकर विरोध को काबू किया जा सकता है।
4 दिसंबर की सुबह वह चेहरे को ढककर आराम से दुकान में घुस गया। गिरधारीलाल पर मिर्च फेंकने के बाद भी जब उन्होंने प्रतिरोध किया। तो अंकित ने चापड़ और चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। इसी दौरान उनका बेटा नीचे आ गया। जिससे घबराकर अंकित भागने लगा। लेकिन आसपास के लोगों ने उसे पकड़ लिया। और पीटते हुए पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, अंकित के परिवार को पिछले छह सालों में क्रिप्टो निवेश के कारण करीब 40 लाख रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था। दो घर बिक गए और फिलहाल उसका परिवार किराए पर रह रहा है। जॉब छूटने के बाद वह एक ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट कंपनी के लिए बाइक चलाकर गुजारा कर रहा था।