UP Police : प्राथमिक जांच में दोनों सिपाहियों पर लगे आरोप सही पाए गए हैं जबकि दोनों सिपाही खुद पर लगे आरोपों के निराधार बता रहे हैं।
UP Police : यूपी पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार खाकी को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में तैनात दो सिपाहियों ने दागदार किया है! आरोप है कि दो भाईयों के बीच पैसों को लेकर हुए विवाद में ये सिपाही पीड़ित पक्ष को थाने ले आए। थाने लाकर उसकी पिटाई की और फिर छोड़ने के एवज में उससे पैसे भी लिए। मामले की शिकायत होने पर प्राथमिक जंच में आरोप सही पाए जाने पर दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया। उधर दोनों सिपाहियों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है।
पीड़ित युवक के परिवार वालों ने सिपाहियों की इस करतूत की शिकायत अफसरों से की थी। प्राथमिक जांच की जिम्मेदारी डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील को दी गई। प्राथमिक जांच में आरोप कुछ हद तक सही पाए जाने पर दोनों पुलिसकर्मियों को संस्पेड कर दिया गया है। इसके साथ ही इनके खिलाफ जांच बैठा दी गई है। अब देखना यह होगा कि फाइनल जांच में आरोप कितने हद तक सही पाए जाते हैं। फिलहाल इस प्राथमिक पड़ताल के नतीजों ने काफी हद तक यह साफ कर दिया है कि पुलिसकर्मी खाकी की शाख पर बट्टा लगाने से नहीं चूक रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है।
यह पहला मामला नहीं नहीं है जब पुलिसकर्मियों ने खाकी की शाख पर बट्टा लगाया हो। इससे पहले भी 16 दिसंबर को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आ चुका है। शालीमार गार्डन में एक सिपाही को महिला के कुंडल खींचकर भागने के आरोपों में गिरफ्तार किया जा चुका है। 23 दिसंबर को लिंक रोड थाना पुलिस ने दिल्ली की साइबर सैल में तैनात एक सिपाही को चोरी की गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया था। इस घटना का पता भी तब चल पाया था जब सिपाही की कार से एक्सीडेंट हो गया था। पुलिस ने गाड़ी की जानकारी की तो पता चला कि गाड़ी चोरी की थी। अब दो सिपाहियों पर पीड़ित को ही थाने में बंधक बनाकर उसके साथ मारपीट करने और छोड़ने के एवज में पैसे लेने का मामला सामने आया है। इस तरह साफ है कि पुलिसकर्मी खादी की शाख पर बट्टा लगा रहे हैं।