History: गुलाम भारत में अपने प्रशासनिक सुधार के लिए प्रसिद्ध गवर्नर जनरल लार्ड कार्नवालिस की कहानी।
Ghazipur: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित गाजीपुर जिला आज भी अपनी प्राचीन विरासत को संजोए हुए है| इस जिले का प्राचीन नाम गाधिपुर था। सन 1330 में मुस्लिम शासक गाजी मलिक के सम्मान में इसे गाजीपुर कर दिया गया। साल 1820 में अंग्रेजों द्वारा विश्व का सबसे बड़ा अफीम का कारखाना गाजीपुर में स्थापित किया गया था। अंग्रेज यहां से बहुत बड़े पैमाने पर अफीम का कारोबार करते थे। इसलिए वे गाजीपुर को अधिक महत्व देते थे। आइए जानते हैं यहां से जुड़ा रोचक तथ्य और इतिहास से जुड़ी कहानी।
तत्कालीन भारत में दो बार ब्रिटिश गवर्नर जनरल रह चुके लॉर्ड कार्नवालिस की मृत्यु गाजीपुर में 05 अक्टूबर सन 1805 में ही हुई थी। उनको यही दफन किया गया था। इंग्लैंड-भारत के संयुक्त इतिहास में आज भी इस जिले और का जगह का बहुत ही अधिक महत्व है। वैदिक काल में गाजीपुर के घने जंगलों में कई संतों के आश्रम थे। रामायण में इस बात का विधिवत जिक्र है।
इतिहास में लार्ड कार्नवालिस को एक महान और अच्छे प्रशासक के रूप में जाना जाता है। अंग्रेज हुकूमत के दौरान लार्ड कार्नवालिस को भारत के गवर्नर जनरल के रूप में दो बार नियुक्त किया गया था। राजस्व सुधारों की दिशा में कार्नवालिस के बहुमूल्य योगदान को आज भी याद किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें न्यायपालिका के सुधारों के लिए भी याद किया जाता है। कार्नवालिस ने सबसे पहले कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की थी। इसके साथ ही जिला जज और जिलाधिकारी के कार्यों का भी बंटवारा किया था। द्वितीय मैसूर युद्ध के दौरान लार्ड कार्नवालिस ने ब्रिटिश सेना का सफल संचालन किया था। लार्ड कार्नवालिस के प्रयासों के परिणामस्वरूप ही लोकसेवा का उदय हुआ था। इसी वजह से उनको भारत में लोकसेवा का जनक कहा जाता है।