गाजीपुर में बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व सांसद सरजू पांडेय को उनके निधन के 36 साल बाद भी ज़िंदा माना जा रहा है। विभाग के रिकॉर्ड में आज भी उनका नाम दर्ज है और उनके घर का बिजली बिल लगातार उन्हीं के नाम पर जारी हो रहा है।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में बिजली विभाग की एक हैरान कर देने वाली लापरवाही सामने आई है। देश की आजादी के लिए लड़ने वाले और दो बार सांसद रहे स्वतंत्रता सेनानी सरजू पांडेय का निधन 36 साल पहले हो चुका है, लेकिन बिजली विभाग के रिकॉर्ड में वह आज भी 'जीवित' हैं। विभाग उनके घर का बिजली बिल लगातार उन्हीं के नाम पर जारी कर रहा है।
यह मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब पता चलता है कि 2019 और 2024 में हुए मीटर सत्यापन में भी उन्हें जीवित दिखाया गया है। पूर्व सांसद के परिजनों ने कई बार नाम बदलवाने की कोशिश की, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने नियमों का हवाला देकर मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की।
परिजनों ने बताया कि सरजू पांडेय का निधन 1989 में मॉस्को में हुआ था, जिसकी वजह से मृत्यु प्रमाण पत्र लाना संभव नहीं है। इसके बदले उन्होंने कचहरी में लगे उनके शिलापट्ट की तस्वीर और उस समय की अख़बार की कटिंग भी देने की पेशकश की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। पूर्व सांसद सरजू पांडेय की मृत्यु एक ऐतिहासिक घटना थी। वर्ष 1989 में जब उनकी मॉस्को से शव यात्रा आई तो गाजीपुर में सबसे अधिक भीड़ उमड़ी थी।
बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता (XEN) गोपाल सिंह ने इस पर कहा है कि अगर परिवार के लोग कुटुंब रजिस्टर की नकल और शपथ पत्र जमा करते हैं, तो नाम तुरंत बदल दिया जाएगा।