देश में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने इसके लिए सरकार और सरकारी तंत्र को भी एक तरह से जिम्मेदार ठहराया है। सपा सांसद के बयान पर भी उन्होंने नसीहत दी है। आइये जानते हैं बढ़ते प्रदूषण पर पूर्व सांसद किसको जिम्मेदार मान रहे हैं,?
गोंडा के पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने वायु प्रदूषण को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुरानी गाड़ियों पर बैन लगाना आम लोगों की परेशानी बढ़ाने और नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने का तरीका है। यह सब उद्योगपतियों का खेल है। जबकि असली समस्या कहीं और है। जिस पर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत है।
बृजभूषण शरण सिंह ने साफ कहा कि अगर वायु प्रदूषण को सच में कम करना है। तो ध्यान गाड़ियों से हटाकर खेतों की ओर करना होगा। उनके मुताबिक 10 या 15 साल पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने का फैसला उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जाता है। न कि लोगों की सेहत बचाने के लिए। आम आदमी पर इसका सीधा बोझ पड़ता है। जबकि प्रदूषण की जड़ बनी रहती है।
उन्होंने कहा कि पराली जलाना वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है। लेकिन इस मुद्दे पर गंभीरता से काम नहीं किया जाता। किसानों को पराली न जलाने के लिए पहले समझाना चाहिए। उन्हें मुआवजा देना चाहिए। ऐसी आधुनिक मशीनें उपलब्ध करानी चाहिए। जिनसे धान की पराली को खेत में ही मिलाया जा सके। अगर इसके बाद भी कोई नहीं माने तो सख्ती की जाए। लेकिन सिर्फ गाड़ियों पर
कार्रवाई करना दिखावा है।
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि सर्दियों में जिन घरों में हीटर या गैस की सुविधा नहीं होती। वहां लोग लकड़ी, पत्ते या उपले जलाकर ठंड से बचते हैं। और खाना बनाते हैं। इससे भी धुआं निकलता है। और प्रदूषण बढ़ता है। लेकिन इन हालातों को कोई नहीं देखता। उन्होंने पराली जलाने की जिम्मेदारी सीधे जिलाधिकारी पर डालते हुए कहा कि 500 से 1000 फीट ऊंचाई तक धुएं की मोटी परत साफ दिखती है। फिर भी यूपी और बिहार के कई जिलों में आज तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका दावा है कि एक एकड़ खेत की पराली जितना धुआं देती है। उतना एक ईंट भट्ठा पूरे साल में नहीं देता। जबकि भट्ठों पर सख्त कानून हैं।
समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के बयान पर पलटवार करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि बिना समझ के हर विषय पर बोलना ठीक नहीं है। विवादित बातों से दूर रहकर असली समस्याओं पर ध्यान देना ही देश और समाज के हित में है।