Gonda News: बीते करीब एक सप्ताह से यूपी के कई जिले हीट बेब की चपेट में रहे। कभी-कभी यह हीट वेव जानलेवा साबित हो जाती है। ऐसे में प्रशासन के सहयोग से कई संस्थाएं छात्र-छात्राओं को हीट वेव से बचने के लिए प्रशिक्षण देकर जागरूक कर रहे हैं।
Gonda News: हीट वेव (लू) अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है। जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है। जब तापमान किसी क्षेत्र में सामान्य औसत से अधिक हो जाता है। तो उसे हीट वेव कहते हैं। ये घटनाएं मौसम में दिन-प्रतिदिन बदलाव का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। लेकिन कभी-कभी यह हीट वेव जानलेवा साबित हो जाती है। आमतौर पर बच्चे जानकारी के अभाव में अत्यधिक इसका शिकार होते हैं। ऐसे में इससे बचने के लिए प्रशासन सहित कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं स्कूल कॉलेज में कार्यक्रम कर छात्र-छात्राओं को जागरुक कर रही हैं।
Gonda News: तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में पिछले दिनों यूपी में हीट वेव के लिए मौसम विभाग ने कई जिलों में अलर्ट जारी किया था। हीट वेव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा प्रशासन के सहयोग से कई स्वयंसेबी संस्थाएं स्कूल कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को जागरुक कर रही है। गुरुवार को डीएम के निर्देशन में राधे फाउण्डेशन और आई चेंज संस्था के सहयोग से राजकीय इंटर कॉलेज में हीट वेव (लू) सुरक्षा एवं जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य शैलेश कुमार पटेल के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सौ से अधिक छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम में लू से बचाव की तकनीकी वैज्ञानिक एवं व्यवहारिक जानकारियों को विशेषज्ञों ने छात्र-छात्राओं से साझा किया।
प्रशिक्षक रजनीकान्त तिवारी ने हीट वेव के स्वास्थ्य पर प्रभाव, लक्षण, तत्काल प्राथमिक उपचार, आहार और जल संतुलन बनाए रखने के तरीके पर प्रकाश डाला। समाज में इसके प्रति व्याप्त मिथकों को तोड़ने पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने बताया कि थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से बड़ी आपदा को टाला जा सकता है। इससे बचने के उपाय सहित आपदा प्रबंधन के विविध पहलुओं पर तकनीकी जानकारी दी। प्रशिक्षण के द्वितीय सत्र में सिद्धार्थ शुक्ला ने उत्तर प्रदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, स्कूल सुरक्षा समिति, संसाधनों की पहचान एवं योजना का विकास, और समुदाय की भूमिका जैसे गंभीर विषयों पर भी चर्चा की गई।
कार्यक्रम में छात्रों ने लू से जुड़ी जिज्ञासाओं को खुलकर रखा। प्रशिक्षकों ने संतोषजनक उत्तर देकर उन्हें न केवल समझाया बल्कि व्यवहारिक समाधान भी बताए।