27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फिर बाबा रामदेव पर बरसे बृजभूषण शरण सिंह, बोले- वो मिलावट खोरों के सम्राट

Brij Bhushan Sharan Singh Taunt on Baba Ramdev : भाजपा के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव पर तीखा तंज कसा।

2 min read
Google source verification

बृजभूषण शरण सिंह ने बाबा रामदेव को बताया मिलावटखोरों का सम्राट, PC - Patrika

गोंडा: भाजपा के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा, 'रामदेव की बात छोड़िए, न जाने कितने रामदेव पैदा हो गए। रामदेव तो मिलावटखोरों के जगतगुरु और सम्राट हैं।'

बृजभूषण ने खाद्य पदार्थों में बढ़ती मिलावट पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार और संबंधित विभागों की नाकामी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब सरसों का तेल बनाने की लागत 225 रुपए प्रति लीटर है, तो बाजार में 130 रुपए में कैसे बिक रहा है? अपने क्षेत्र की एक बड़ी तेल मिल का उदाहरण देते हुए बोले, '60 प्रतिशत भूसी का तेल और 40 प्रतिशत असली सरसों का तेल मिलाकर बेचा जा रहा है।'

नकली पनीर पकड़ने आए 2 लाख लेकर चले गए

पूर्व सांसद ने दावा किया कि गोंडा में हर चौराहे पर नकली पनीर बन रहा है। उन्होंने बताया, 'खाद्य विभाग को नकली पनीर बनाने की सूचना दी थी। अधिकारी मौके पर गए, 2 लाख रुपए लेकर चले गए और उसके बाद भी उत्पादन जारी रहा।' मिलावट रोकने की जिम्मेदारी सरकार और विभागों की है, लेकिन वे इसे निभा नहीं रहे।

पराली जलाने पर व्यवस्था को ठहराया दोषी

दिल्ली सहित अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण और पराली जलाने के मुद्दे पर बृजभूषण ने व्यवस्था पर सीधा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया, 'कानून मौजूद है, फिर कार्रवाई क्यों नहीं होती? एक छटाक मिट्टी या बालू निकालने पर लेखपाल-पुलिस पहुंच जाती है, लेकिन गांवों में धू-धू कर पराली जल रही है, उसके लिए कोई क्यों नहीं आता?'

उन्होंने कहा, 'यह कोई दैवीय आपदा नहीं, बल्कि मानव-जनित समस्या है। इससे लोगों की उम्र कम हो रही है, सांस की बीमारियां और दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।' गाड़ी के धुएं पर कार्रवाई होती है, लेकिन पराली और धान के खेत क्यों नहीं दिखते? यह सब 'बड़े लोगों, उद्योगपतियों और अधिकारियों का खेल है।'

पेड़ लगाने की पुरानी मुहिम याद की

बृजभूषण ने अपने सांसद काल की याद ताजा करते हुए बताया कि 1991 में सांसद बनने के बाद उन्होंने मुहिम चलाई थी। 'जिसके घर बेटी पैदा होती, वह 10 सागौन के पेड़ लगाए। क्षमता हो तो 20-30 लगाए।' कार्यकर्ता के घर चाय तभी पीते थे, जब वह 100 पेड़ लगाने का वादा करता। इस तरह देवीपाटन मंडल, बहराइच सहित क्षेत्र में लाखों पेड़ लगवाए गए और हरित क्रांति आई।

सागौन की लकड़ी पर रोक से किसानों को नुकसान

उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों ने अधिकारियों से मिलकर नियम बनवाए कि नई इमारतों में लकड़ी के दरवाजे-खिड़कियां नहीं लगेंगी। इससे सागौन की कीमत सोने से कौड़ी हो गई। 'किसान अपनी खेत की लकड़ी तक नहीं इस्तेमाल कर सकता, चीन का लोहा लगाना पड़ रहा है।' अंत में बृजभूषण ने कहा, 'तमाम मुद्दे हैं, कितना बोला जाए? जितना ध्यान आता है, उतना बोलता रहता हूं।'