गोरखपुर से इन अमृत भारत ट्रेनों को मिली है मंजूरी ।गोरखपुर-बांद्रागोमतीनगर-पुरी (मालतीपातपुर) वाया गोरखपुरछपरा-अमृतसर वाया गोरखपुरभगत की कोठी-गोरखपुर (एनडब्ल्यू रेलवे)गोरखपुर होकर गुजरेगी ये अमृत भारत ट्रेनेंदरभंगा-दिल्लीपुणे छपरादरभंगा-हिसारदरभंगा-नई दिल्ली
NER के हाथ बड़ी उपलब्धि लगी है। यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करते हुए रेलवे बोर्ड ने 26 नई अमृत भारत ट्रेनों को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इनमें से तीन एनईआर के हिस्से आई हैं, जबकि तीन वाया गोरखपुर होकर चलेंगी।
एक ट्रेन भगत की कोठी से चलकर गोरखपुर तक आएगी। इस तरह आगामी दिनों में गोरखपुर से और यहां से होकर आठ अमृत भारत ट्रेनें चलेंगी। बोर्ड ने सूची जारी करने के साथ ही सभी सम्बंधित रेलवे से तत्काल टाइम टेबल और ट्रेन नम्बर मांगा है, जिससे आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
वर्तमान में गोरखपुर होकर आनंद विहार से दरभंगा तक अमृत भारत चल रही है।एनई रेलवे को जो तीन ट्रेनें आवंटित हुई हैं, उनमें गोरखपुर-बांद्रा, गोमतीनगर-पुरी (मालतीपातपुर) और छपरा-अमृतसर अमृत भारत एक्सप्रेस शामिल हैं। इसके साथ ही दरभंगा-दिल्ली वाया गोरखपुर, पुणे-छपरा वाया गोरखपुर, दरभंगा-हिसार वाया गोरखपुर और दरभंगा-नई दिल्ली वाया गोरखपुर अमृत भारत भी चलेगी। एक अमृत भारत एनडब्ल्यू रेलवे को आवंटित की गई है। यह ट्रेन भगत की कोठी से चलकर गोरखपुर तक आएगी।
अमृत भारत एक्सप्रेस में 22 कोच होंगे। इनमें 12 द्वितीय श्रेणी शयनयान कोच, अनारक्षित यात्रियों के लिए 8 सामान्य श्रेणी के कोच और दो गार्ड के डिब्बे होंगे। दिव्यांग यात्रियों के लिए भी जगह बनाई गई है। रेलवे का कहना है कि कम कीमत में यात्री प्रीमियम ट्रेनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
अमृत भारत एक्सप्रेस में ट्रेन के प्रत्येक छोर पर एक लोकोमोटिव है। चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा निर्मित यह डब्ल्यूएपी-5 लोकोमोटिव 6,000 एचपी का है। लुक के मामले में ट्रेन में वंदे भारत शैली के हाईस्पीड रूप से डिजाइन किए गए लोकोमोटिव हैं। इससे ट्रेनों को और रफ्तार मिलती है। अमृत भारत ट्रेनों की अन्य विशेषताओं में बेहतर डिजाइन वाले हल्के वजन वाले फोल्डेबल स्नैक टेबल, शौचालयों और विद्युत कक्षों में एयरोसोल आधारित अग्नि शमन प्रणाली शामिल हैं।
अमृत भारत ट्रेनों में जीरो डिस्चार्ज एफआरपी मॉड्यूलर शौचालय हैं। अमृत भारत ट्रेनों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई में किया गया है। नॉन-एसी कोचों के टॉयलेट भी वंदेभारत एक्सप्रेस के टॉयलेट जैसे ही बनाए गए हैं।