DM गोरखपुर दीपक मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को विकास भवन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न की गई। बैठक में DM ने स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्राथमिकता के साथ संचालित करने एवं विशेष प्रयास कर प्रगति में वृद्धि लाने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में आज विकास भवन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की बैठक सम्पन्न की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्राथमिकता के साथ संचालित करने एवं विशेष प्रयास कर प्रगति में वृद्धि लाने का निर्देश दिया।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। सभी एमओआईसी एवं सीएमएस को निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि वह अपने सीएचसी एवं अस्पताल का नियमित निरीक्षण करें तथा वहां सभी आधारभूत सुविधाओं के साथ नियमित ससमय ओपीडी संचालन, लैब, और सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सरकारी अस्पताल हमारी बहुसंख्यक आबादी के ईलाज के लिए बैकबोन हैं, इसलिए इन अस्पतालों या केंद्रों में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए। यदि किसी भी जगह किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इम्यूनाइजेशन कार्यक्रम हमारे आने वाली पीढ़ी के सुदृढीकरण से संबंधित है इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की हीला हवाली ना करें।
इम्यूनाइजेशन (टीकाकरण) में वृद्धि करने हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाए। इस संबंध में जो भी माइक्रोप्लान बनाए गए हैं, उसके अनुसार तय समय पर सभी कार्य करें। टीकाकरण के पश्चात सही सही डाटा भी फीड करवाएं। टीकाकरण कार्य ड्यू लिस्ट के अनुसार होना सुनिश्चित करें। सभी एमओआईसी, एएनएम एवं आशा द्वारा किये गए कार्यों की जांच भी करें। उन्होंने एमओवाईसी, एडिशनल सीएमओ को सीएचओ की मॉनीटंरिंग सही तरीके से किये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी केंद्र या अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल उपकरण होना सुनिश्चित करें। जहां भी मेडिकल उपकरण पर्याप्त मात्रा में ना हो, वहां इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने लिए तुरंत आवश्यक कार्यवाही किया जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किसी भी केंद्र या अस्पताल में कोई भी डॉक्टर बाहर की दवा नहीं लिखेगा, यदि ऐसा पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग जनपद के सभी बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कैंप लगाए तथा आवश्यक दवा का वितरण करें। बैठक में जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा की गई और महिलाओं को निःशुल्क भोजन, दवा और ड्रॉप बैक की सुविधा के साथ 48 घंटे अस्पताल में रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने एएनसी रजिस्ट्रेशन की समीक्षा के दौरान सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को गर्भवती महिलाओं की एएनसी चेकअप पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दियें। उन्होंने कहा कि कहा एडिशनल सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ टीम बनाकर लगातार जॉच कर यह सुनिश्चित करें कि जहॉ तक सम्भव हो सरकारी अस्पताल में ही सुरक्षित प्रसव हो। स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी, बीएमसी एवं एमओवाईसी को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि फील्ड में भ्रमणशील रहकर गर्भवती महिलाओं को जागरूक करें, जिससे मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी आए, यदि दुर्भाग्यवश कहीं कोई मृत्यु होती भी है तो उसका ऑडिट करे, जो भी कमियॉ रह गई हैं, उसमें सुधार लाने का प्रयास किया जाय।
आर0बी0एस0के0 टीम को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में भ्रमण कर लक्ष्य के सापेक्ष किशोरियों की जॉच एवं बच्चों का वजन आदि सहित अन्य कार्य समय पर गुणवत्तापूर्वक करें। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा ओपीडी, आईपीडी, एम्बुलेंस सेवाओं, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण, ई-कवच, आभा आईडी, टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण और प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम, पुनरीक्षित, राष्ट्रीय कुष्ठ रोग जैसी योजनाओं की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी योजनाओं के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन पर जोर दिया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश झा सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।