गोरखपुर

सिर्फ नाम के लिए असलहा लाइसेंस बना है तो ध्यान दें, पुलिस करेगी यह कारवाई

असलहे का शौक लोगों के सिर चढ़ कर बोलता है, इसका लाइसेंस बनवाने के लिए हर दरवाजे खटखटाते हैं। लेकिन लाइसेंस बनने के बाद अधिकतर लोगों के हथियार या तो थाने के माल खाने में जमा हो जाते या फिर शस्त्र की दुकान पर।

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Jun 14, 2024

गोरखपुर पुलिस की यह कारवाई अब सिर्फ नाम के लिए असलहा लाइसेंस बनवाने वालों पर भारी पड़ेगी।पांच साल या फिर उससे अधिक समय से थानों में जमा लाइसेंसी असलहों को निरस्त कराने की पुलिस विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने सभी थानेदारों से उनके यहां जमा असलहों की सूची मांगी है।

यह भी पूछा है कि इन असलहों को थाने से ले जाने के लिए पुलिस ने कितनी बार लाइसेंसी से सम्पर्क किया है। थानों से असलहा न ले जाने के पीछे की वजह क्या है? आंकड़ों के साथ जवाब मिलने के बाद इन असलहों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम को पत्र लिखने की तैयारी है।

दरअसल, ऐसा कई बार से देखने को मिल रहा है कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव के समय जो लोग असलहा जमा करा रहे हैं, उसमें से काफी लोग फिर उसे वापस लेने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में थाने में जमा किए गए असलहों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। पंचायत चुनाव के बाद ही काफी संख्या में जमा असलहे थाने में पड़े हुए हैं। लाइसेंसी बंदूक की दुकानों का भी हाल यही है। वहां भी असलहा जमा कर लाइसेंस धारी भूल गए हैं।

इस वजह से दुकानदार नया सामान नहीं मंगा पा रहे हैं। कई बार दुकानदारों ने प्रशासन को इससे अवगत भी कराया लेकिन मालखाने में जगह न होने की वजह से निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पुलिस विभाग की तरफ से अभियान चलाकर पांच साल या उससे अधिक समय से थाने में जमा लाइसेंसी असलहों की सूची मांगी गई है।

SSP गोरखपुर

SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया की थाने के मालखानों में कई साल से लाइसेंसी असलहा रखे हुए हैं। लाइसेंसधारी अपना असलहा नहीं ले जा रहे हैं। सभी थानेदारों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने यहां जमा असलहों की सूची बनाए इसमें इस बात का जिक्र करें कि कितने असलहे पांच साल या उससे अधिक समय से पड़े हुए हैं। ज्यादा समय से रखे हुए असलहों को निरस्त करने के लिए पत्र लिखा जाएगा

Published on:
14 Jun 2024 10:15 am
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