गोरखपुर के दक्षिणांचल क्षेत्र के बड़हलगंज सीमा में उफनती सरयू नदी में मऊ जिले के दर्जनों लोग मोटर बोट की खराबी से बहते हुए आ गए, जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते इन लोगों ने डायल सौ पर फोन कर घटना की जानकारी दिए, यह मेसेज फौरन SDRF को फॉरवर्ड किया गया।
सोमवार की रात लगभग दस बजे के करीब अपने पूरे वेग से उफनाती सरयू नदी की बीच धारा में नाव पर सवार होकर सरयू नदी पार कर रहे मऊ जिले के 23 लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी। बीच धार में उनकी मोटर बोट खराब हो गई। इस घटना की सूचना डॉयल 100 पर मिलते ही SDRF की टीम एक्टिव हो गई और आधी रात को उन्हें बचा लिया। यह मिशन काफी खतरनाक था लेकिन धैर्य एवं सजगता से SDRF ने सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।
जानकारी के मुताबिक सरयू नदी से मऊ जिले के 23 लोग एक मोटर बोट पर सवार होकर घर जा रहे अचानक उनकी बोट में खराबी आ गई और वह गोरखपुर के बड़हलगंज सीमा क्षेत्र में आ गई। बोट से ही किसी ने 112 नंबर पर फोन किया। वहां से सूचना SDRF को मिली। सूचना मिलते ही टीम सक्रिय हो गई। सूचना मिलते ही सेनानायक डा. सतीश कुमार ने टीम को घटना स्थल के लिए रवाना किया। टीम अपने साथ आधुनिक रेस्क्यू उपकरण लेकर निकली।
घने अंधेरे में SDRF टीम सरयू के किनारे पहुंची, सरयू नदी भी अपने उफान पर थी ऐसे समय रेस्क्यू ऑपरेशन काफी चुनौती भरा था, आखिरकार SDRF के जवान रात 1:15 बजे घटना स्थल पर पहुंच गए और रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया और सरयू की लहरों पर अपने कर्तव्य पालन की जिजीविषा से विजय प्राप्त कर SDRF की टीम ने टीम वर्क व अपनी कुशलता से सभी को बचा लिया। सुरक्षित निकलने वालों में किशन, शिवम, मनीष, छोटू, अर्पित, आर्यन, सत्यम यादव, विनोद यादव,अवधेश यादव, विजय साहनी, रामू, शैलेश,रविश, सुधाकर यादव, राधे यादव,अमित यादव, रमेश यादव, शुभम यादव, विनय यादव, लाल बहादुर शास्त्री आदि थे। सभी ने SDRF टीम को देवदूत बताया।