गोरखपुर के गुलहरिया थाना क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब प्रसिद्ध बांस स्थान मंदिर में रात में सोए वहां के पुजारी का सुबह जला हुआ शव मिला
गोरखपुर में एक पुजारी की संदिग्ध हालत में जिंदा जलकर मौत हो गई। गुलरिहा इलाके के बांसस्थान में बामंत माता मंदिर के पुजारी गूंगा दास जो की 90 वर्ष से अधिक की आयु के थे वे रात में मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला के बरमादे में सोए हुए थे। लेकिन जब सुबह लोगों ने देखा तो उनका जला हुआ शव पड़ा हुआ था, सिर्फ सिर का कुछ हिस्सा ही बचा था। पुजारी मूक,बधिर दोनो ही थे।
सूचना पाकर SP सिटी अभिनव त्यागी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने बचे शव के हिस्से को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की पड़ताल में जुट गई है। हालांकि, पुजारी की कैसे जलकर मौत हो गई, फिलहाल अभी यह पता नहीं चल सका है।
हालांकि, बांसस्थान के बामंत माता मंदिर को लेकर एक व्यक्ति और ग्रामीणों के बीच पहले से विवाद चला आ रहा है। लेकिन, पुलिस का कहना है कि पुजारी ठंड से बचने के लिए आग जलाकर सो गए थे, जिसकी चिंगारी से जलकर उनकी मौत हो गई होगी। साथ ही मंदिर के एक अन्य पुजारी ने पुलिस को तहरीर भी दी है कि आग जलाकर सोने की वजह से पुजारी की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक मृतक पुजारी गूंगा दास जंगल डुमरी नंबर दो के पूर्व प्रधान स्व. गोपाल जयसवाल के चाचा थे। वे काफी साल पहले ही परिवार से अलग होकर बामंत माता मंदिर चले गए थे। वे मंदिर पर ही रहते थे और यहां के पुजारी थे। ग्रामीणों के मुताबिक, उन्होंने अपनी संपत्ति भी परिवार के अन्य लोगों को वरासत कर दी थी।ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि परिवार में तो किसी तरह का विवाद नहीं था लेकिन कुछ दिनों पहले एक मंदिर की जमीन को लेकर एक व्यक्ति और ग्रामीणों के बीच विवाद जरूर हुआ था।