दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डीडीयू अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की श्रेणी-1 संस्थानों की सूची में शामिल हो गया है।यूजीसी ने उसे यह दर्जा दिया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय देश के उन प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिन्हें यह सम्माननीय दर्जा प्राप्त है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उत्तर प्रदेश की दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी को ग्रेड 1 यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया है। यह भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक प्रतिष्ठित मान्यता है। यह शीर्ष प्रदर्शन करने वाली यूनिवर्सिटीज में स्वायत्तता को बढ़ावा देने के यूजीसी के प्रयासों का हिस्सा है।यूजीसी ने 16 अप्रैल, 2024 को आयोजित अपनी 579वीं बैठक के दौरान ग्रेड 1 दर्जे के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अनुरोध को मंजूरी दे दी। यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा कि यह मान्यता शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने इसके लिए कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया।
यूनिवर्सिटी को ग्रेड 1 प्राप्त होने पर कौन-कौन से लाभ मिलते हैं ?
यूनिवर्सिटी को अधिक प्रशासनिक स्वायत्तता मिलती है.-वित्तीय स्थिरता और विकास के लिए संसाधन आवंटन और बजट प्रबंधन जैसे राजकोषीय मामलों पर नियंत्रण बढ़ेगा.-अनुसंधान और नवाचार केंद्र मजबूत होंगे. अनुसंधान अवसरों और ज्ञान सृजन को बढ़ावा मिलेगा.-शैक्षणिक मानकों का रखरखाव और वृद्धि, शिक्षण, सीखने और अनुसंधान के स्तर को ऊपर उठाना.– राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा में सुधार, दुनिया भर से शोधकर्ताओं, संकाय और छात्रों को आकर्षित करना.– व्यवसायों, अनुसंधान समूहों और अन्य संस्थानों के साथ गठबंधन और साझेदारी को प्रोत्साहित करना, सीखने और अनुसंधान के लिए एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना.– छात्र-केंद्रित रणनीतियों को अपनाना, छात्रों को अधिक आकर्षक और व्यक्तिगत शैक्षिक अनुभव प्रदान करना।