गुना

एमपी बोर्ड की परीक्षा में अब हर छात्र पास होगा, शिक्षा विभाग की इस नई पहल से बदलेंगे नतीजे!

MP Board Exam: एमपी बोर्ड कार्यालय परीक्षा में 10,537 छात्र फेल होने के बाद शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। दिसंबर से जनवरी तक सभी स्कूलों में चलेंगी रेमेडियल क्लासेस।

3 min read
Nov 10, 2025
no fail mission of education department (फोटो- सोशल मीडिया)

No Fail Mission: गुना में गत वर्ष के बोर्ड परीक्षा (mp board exam) परिणामों ने शिक्षा विभाग को चिंता में डाल दिया था। कक्षा 10वीं और 12वीं में कुल 10,537 वि‌द्यार्थी असफल हुए, जिनमें अधिकांश अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों में फेल थे। इसी स्थिति को सुधारने और आगामी बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम दिलाने के लिए अब विभाग ने रेमेडियल क्लासेस (remedial classes) शुरु करने की तैयारी तेज कर दी है।

अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद स्कूलों में पढ़ाई पर ध्यान दिया जाएगा। इस बार शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को भी निर्देश दिए हैं कि वह भी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों पर ध्यान दें। क्योंकि जिले का परिणाम का प्रतिशत निजी और शासकीय स्कूलों की मेहनत से ही तय होता है। पिछले बार निजी स्कूलों में अधिक वि‌द्यार्थियों के फेल होने से जिले का स्तर नीचे आ गया था। अब इसमें सुधार को लेकर फोकस किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें

MP में छिड़ी ‘क्रेडिट वॉर’! उमंग सिंघार और प्रभारी मंत्री ने एक ही ग्रिड का कर दिया उद्घाटन

जनवरी तक चलेंगी रेमेडियल क्लासेस

अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद से शिक्षा विभाग ने वि‌द्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए बड़ी पहल करने जा रहा है। अब जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में दिसंबर से लेकर जनवरी अंत तक रेमेडियल क्लासेस चलाई जाएंगी। इन कक्षाओं में कमजोर वि‌द्यार्थियों को विषयवार सुधार का अवसर मिलेगा ताकि वह मुय परीक्षा में बेहतर अंक ला सकें। हालांकि अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 13 नवंबर को समाप्त हो जाएंगी।

शिक्षकों की जवाबदेही

शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन स्कूलों में सुधार नहीं दिखेगा, वहां समीक्षा की जाएगी और संबंधित शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी। उद्देश्य केवल परीक्षा परिणाम सुधारना नहीं, बल्कि वि‌द्यार्थियों की विषयगत समझ और आत्मविश्वास बढ़ाना है।

अभिभावकों से भी सतत संपर्क

विभाग ने शिक्षकों से कहा है कि वह अभिभावकों के भी सतत संपर्क में रहें। वहीं वह अपने बच्चों को रेमेडियल क्लासेस में नियमित रूप से भेजें। कई स्कूलों में इसके लिए विशेष अभिभावक बैठके आयोजित की जाएंगी ताकि योजना का प्रभाव अधिक व्यापक हो सके।

स्कूलों को प्लान बनाना अनिवार्य

  • हर स्कूल को अपने स्तर पर रेमेडियल क्लास प्लान तैयार कर शिक्षा अधिकारियों को भेजना होगा।
  • इस प्लान में यह स्पष्ट किया जाएगा कि किन वि‌द्यार्थियों को किन विषयों में अतिरिक्त सहायता चाहिए और उन्हें सुधारने की रणनीति क्या होगी।
  • सभी स्कूलों को दो सूचियां तैयार करनी होंगी। एक कमजोर विद्यार्थियों की और दूसरी मेधावी विद्यार्थियों की।
  • कमजोर वि‌द्यार्थियों को अतिरिक्त समय और मार्गदर्शन देकर सुधारने का लक्ष्य रहेगा, वहीं मेधावी बच्चों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विशेष तैयारी कराई जाएगी।
  • वि‌द्यार्थियों को बोर्ड पैटर्न पर आधारित प्रश्नों का अभ्यास कराया जाएगा। मॉक टेस्ट और मॉडल परीक्षा से उनकी तैयारी का मूल्यांकन होगा।

यह आंकड़े बता रहे कहा गए थे कमजोर

शिक्षा विभाग के अनुसार गत वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में कक्षा 10वीं में 17,194 छात्र-छात्राएं नियमित और स्वाध्यायी रूप से परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 6,653 असफल हुए। वहीं, कक्षा 12वीं में 11,086 वि‌द्यार्थियों में से 3,684 असफल रहे। दोनों कक्षाओं में कुल मिलाकर 10,537 वि‌द्यार्थी फेल हुए।

इसमें से शासकीय स्कूलों के 3,862 वि‌द्यार्थी शामिल थे। वहीं 30 फीसदी यानी लगभग 3161 विद्यार्थी अंग्रेजी, गणित और विज्ञान में असफल रहे। शिक्षा विभाग का मानना है कि यदि समय रहते विषयगत कमियों पर काम किया जाए, तो आने वाले बोर्ड परीक्षा परिणामों में बड़ा सुधार संभव है।

निजी स्कूलों को भी किया निर्देशित- डीईओ

हर वि‌द्यार्थी सफल हो सके, हर स्कूल बेहतर परिणाम दे, यह इस पहल का मुख्य उद्देश्य है। विभाग का लक्ष्य है कि आगामी बोर्ड परीक्षा में न केवल परिणाम सुधरे, बल्कि कोई भी वि‌द्यार्थी पिछड़ने की स्थिति में न रहे। निजी स्कूलों को भी निर्देशित किया है कि वह बोर्ड परीक्षा के हिसाब से तैयारी कराएं। - राजेश गोयल, डीईओ

ये भी पढ़ें

लाड़ली लक्ष्मी योजना: 23400 बेटियों के खातों में आएगी राशि, टॉपर को मिलेगा इनाम

Updated on:
10 Nov 2025 07:28 am
Published on:
10 Nov 2025 07:26 am
Also Read
View All

अगली खबर