खर्च के साथ-साथ बचत को लेकर भी जागरूक हो गई है। इससे बैंकों में जमा रकम लगातार बढ़ रही है। यह बात राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) के ताजा आंकड़ों में सामने आई है।
MP News: मध्यप्रदेश की जनता खर्च के साथ-साथ बचत को लेकर भी जागरूक हो गई है। इससे बैंकों में जमा रकम लगातार बढ़ रही है। यह बात राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति (एसएलबीसी) के ताजा आंकड़ों में सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के बैंकों में डिपॉजिट यानी जमा रकम में लगातार इजाफा हो रहा है।
बैंकों(Bank) में मार्च-2025 तक कुल जमा रकम7,14,336 करोड़ रुपए थी, जो पिछले तीन वर्षों से लगातार बढ़ रही है। प्रदेश का सीडी रेश्यो भी तीन साल में बढ़कर सर्वाधिक 83.51% पर जा पहुंचा है। आंकड़े बता रहे हैं कि बैंक मालामाल हो चुके हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश के लोगों में बचत के साथ-साथ बैंकों में धन जमा करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ी है।
ऋण जमा अनुपात (सीडीआर) बैंकों की परिसंपत्तियों और देनदारियों का अनुपात है। सीडीआर अनुपात का उपयोग बैंक की तरलता की गणना करने के लिए किया जाता है, जिसके लिए बैंक द्वारा वितरित कुल ऋणों को प्राप्त कुल जमा राशि से विभाजित किया जाता है तथा 100 से गुणा किया जाता है। बैंकों के लिए 65 से 75 के बीच का सीडीआर अनुपात अच्छा माना जाता है। यदि बैंक का सीडीआर 70त्न है, तो मतलब है कि बैंक जमाकर्ताओं से 100 रुपए लेते हैं और 70 रुपए ऋण के रूप में जारी करते हैं।
बैंकों में लगातार कैश जमा हो रहा है। हेल्दी बैंकिंग के लिए सीडीआर रेश्यो 65त्न से अधिक होना चाहिए। बैंक अपनी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा उधार दे रहा है, जो ऋण की बढ़ती मांग को दर्शाता है। - अमिता शर्मा, एलडीएम, ग्वालियर