m Reels Tax: सोशल मीडिया पर लाइक्स और ब्रांड डील से कमाई करने वालों पर अब सरकार की सख्ती। नया प्रोफेशनल कोड लागू, इंफ्लुएंसर की हर कमाई पर टैक्स देना होगा।
Instagram Reels Tax: आप भी सोशल मीडिया पर रील बनाकर पैसे कमाते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अब सरकार आपके हर लाइक्स व ब्रांड डील (Brand Deals) पर टैक्स लेगी। आयकर विभाग ने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर (content creators) की कमाई को ट्रैक करने के लिए नया प्रोफेशनल कोड 16021 (New professional code) लागू किया है। इसके लागू होते ही प्रदेश के 300 से ज्यादा इन्फ्लुएंसर आयकर की रडार पर आ गए हैं।
अब तक उन्हें कंपनियां टीडीएस काटकर रुपए देती थी। लेकिन पहली बार अब इनकम टैक्स रिटर्न भी भरना होगा। बताते हैं, मप्र में रील, सोशल मीडिया पर ब्रांडिंग करने वालों की संख्या दो हजार तक जा सकती है। सीए पंकज शर्मा ने कहा, बदलते समय में यह जरूरी है।
नए कोड के तहत, ब्रांड प्रमोशन, प्रोडक्ट बेचने या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट बनाने से होने वाली आय को आइटीआर-3 या आइटीआर-4 फॉर्म में स्पष्ट रूप से दर्ज करना अनिवार्य है। धारा 44 एडीए में अनुमानित आय पर टैक्स छूट लेने के लिए आइटीआर-4 फॉर्म भरना होगा। यदि सालाना प्रोफेशनल इनकम 50 लाख रुपए से कम है, तो 50 फीसदी आय यानी 25 लाख पर टैक्स लगेगा। जिनकी आय 50 लाख से अधिक है तो उन्हें 25 लाख पर टैक्स तो देना होगा। खर्च का ऑडिट भी कराना होगा।
अब तक कुछ इन्फ्लुएंसर आयकर रिटर्न को अन्य प्रोफेशनल कैटेगरी में भरते थे। इससे विभाग को उनका पेशा पता करने में दिक्कत होती थी। कमाई का स्रोत भी पता नहीं चलता था। 2020 तक देश में करीब 10 लाख इंफ्लुएंसर्स थे। 2024 में यह बढ़कर करीब 40 लाख से ज्यादा हो गए।