ग्वालियर

बाबा मंसूर शाह औलिया के उर्स में ज्योतिरादित्य सिंधिया, माथा टेककर निभाई 300 साल पुरानी राजकीय परंपरा

Baba Mansoor Shah Aulia Urs : सिंधिया परिवार के आराध्य और मार्गदशक बाबा मंसूर शाह औलिया के उर्स में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए। उन्होंने शाही परंपरा के तहत बाबा के दर पर मत्था टेककर उनका आशीर्वाद लिया।

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मंसूर शाह औलिया उर्स में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Photo Source- Jyotiraditya Scindia X Handle)

Baba Mansoor Shah Aulia Urs : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनो राजपरिवार के महाराज होने का दायित्व निभाने मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल प्रवास पर हैं। इस दौरान वे अपने राजपरिवार की शाही परंपरा के तहत महाराजबाड़ा गोरखी स्थित देवघर पहुंचे। सिंधिया परिवार के आराध्य और मार्गदशक बाबा मंसूर शाह औलिया के उर्स में शामिल हुए। उन्होंने शाही परंपरा के तहत बाबा मंसूर औलिया के दर पर मत्था टेककर आशीर्वाद लिया।

बता दें कि, सिंधिया राज घराने की पंरपरा के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराजबाड़ा के गोरखी परिसर स्थित देवघर पहुंचे। वहां उन्होंने परंपरागत अंदाज में धोती पहनकर बाबा मंसूर शाह औलिया की इबादत की। यहां फूलों का गुम्बद सजाया गया। इस दौरान सिंधिया वहीं बैठकर इंतजार करते रहे, जब तक उस गुम्बद से एक फूल नीचे नहीं गिर गया। इस बीच परंपरागत अंदाज में वाद्य यंत्रों की धुन के साथ भजन होते रहे। जैसे ही फूल गिरा, वैसे ही उन्होंने उसे भक्ति भाव से उठाते हुए मत्था टेका। इसके बाद साथ मौजूद सिंधिया राजशाही परिवार के सरदारों के साथ साथ उनके परिजन ने उन्हें बधाई दी।

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इबादत के पीछे ये है वजह

मंसूर शाह औलिया उर्स में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Photo Source- Jyotiraditya Scindia X Handle)

सिंधिया परिवार सूफी औलिया की इस इबादत की परंपरा करीब 300 साल से निभाता आ रहा है। इसके पीछे कहानी बहुत रोचक है। बताया जाता है कि, मंसूर शाह ने ही सिंधिया परिवार को राजवंश में परिवर्तित होने का आशीर्वाद दिया था, साथ में आधी रोटी दी थी। ऐसा कहा जाता है कि, सिंधिया परिवार ने ये रोटी आज भी अपने पास सुरक्षित रख रखी है। सिंधिया राजशाही के संस्थापक महान मराठा सेना नायक महाद जी के गुरु औलिया मंसूर शाह सोहरावर्दी थे। मंसूर शाह का मूल स्थान महाराष्ट्र के बीड जिले में है और सिंधिया परिवार भी मूल रूप से महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक गांव से ताल्लुक रखता है।

साल में 3 बार परंपरागत पूजा

मंसूर शाह औलिया उर्स में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Photo Source- Jyotiraditya Scindia X Handle)

सिंधिया परिवार की ओर से ग्वालियर के महाराजबाड़ा पर देवघर नाम से मंदिर बनवाया गया था। इसके गर्भगृह में सिंधिया परिवार के कुलदेवता ज्योतिबा नाथ महाराज के अलावा सभी हिन्दू देवी और देवताओं की प्रतिमाओं का विग्रह है। इसी में बाबा मंसूर शाह के अवशेष भी सुरक्षित हैं। इनकी नियमित पूजा की जाती है। गौरतलब है कि, राजवंश की परंपरा के तहत साल में कम से कम 3 बार राज परिवार का मुखिया यहां तय राजशाही परिधान में परंपरागत पूजा करने आता है। खासकर के विजयादशमी, श्राद्ध पक्ष की द्वितीया और मंसूर शाह के उर्स पर, इसी परंपरा के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उर्स में शामिल हुए हैं।

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Published on:
10 Sept 2025 01:29 pm
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