ग्वालियर

आधार कार्ड पर बिके शराब… अजीबोगरीब आवेदन पर हैरान अधिकारी, दिए चर्चा के निर्देश

Liquor on Aadhaar Card in MP: कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा अजीबो गरीब आवेदन, पढ़कर अधिकारी भी रह गए हैरान, कलेक्टर ने गंभीरता से लिया और दिए चर्चा के निर्देश...

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Liquor on Aadhaar Card

Liquor on Aadhaar Card in MP: कलेक्ट्रेट की जन सुनवाई में एक अजीब मामला आया है। शराब छोड़ चुके व्यक्ति ने आधार कार्ड पर शराब का क्वार्टर उपलब्ध कराए जाने की गुहार अधिकारियों से लगाई। अधिकारी उसकी गुहार सुनकर हैरान रह गए। राजेंद्र ने कहा कि मजदूर दिनभर में 600 रुपए तिहाड़ी कमाता है, लेकिन 400 रुपए शराब में उड़ा देता है। घर 100 से 200 रुपए लेकर पहुंचता है। ऐसे में उसका घर चलना मुश्किल हो गया है। यदि आधार कार्ड पर शराब देने की व्यवस्था की जाए। उसे दो क्वार्टर दिए जाएं। वह पूरी मजदूरी लेकर घर पहुंचेगा। मजदूर की हर दिन दीपावली व ईद मनेगी।

राजेंद्र सिंह ने अपना आवेदन संयुक्त कलेक्टर विनोद सिंह को दिया। विनोद सिंह ने तत्काल आबकारी विभाग के अधिकारी को बुलाया और आवेदन पर चर्चा के निर्देश दिए।

मजदूर ने सुनाई आपबीती

आबकारी विभाग के अधिकारी ने जब उस आवेदनकर्ता से बातचीत की तो, उसने बताया कि उसका नाम राजेन्द्र कुमार निवासी गोल पहाड़िया है। राजेंद्र ने बताया कि वह मजदूरी करता है और शराब छोड़ चुका है। वह भूतपूर्व शराबी हो चुका है। एक मजदूर हर रोज मजदूरी कर 600 रुपए कमाता है, लेकिन जगह जगह मिलने वाली शराब को वह पीने का आदि हो गया है। 600 रुपए तिहाड़ी में से रात तक 400 रुपए की शराब पी जाता है।

सख्त नियम बदल देगा मजदूरों की जिंदगी

उसके घर वालों को बड़ी मुश्किल से 200 -100 रुपये मिल पाते हैं। जिससे घर चलना बहुत मुश्किल होता है। इस पीड़ा से सबक लेकर उसने शराब पीना छोड़ दिया। ऐसे में सभी मजदूरों की शराब की लत को छुड़ाने के लिए एक नियम बना दिया जाए। जिसके तहत मजदूर शराबी को आधार कार्ड के जरिए ज्यादा से ज्यादा 2 शराब के क्वार्टर ही मिले। यदि ऐसे सख्त नियम बना दिए जाएंगे तो मजदूर शराब पीना कम करेंगे। इससे उस मजदूर के परिवार को कमाई के 600 रुपए में से कम से कम 400 रुपए बचेंगे।

कचरे से निकलने वाली जहरीली गैसों से हमारा जीवन पड़ जाएगा खतरे में

ग्वालियर। केदारपुर लैंडफिल साइट के पास स्कूल, कॉलेज संचालित हैं। कॉलोनी विकसित हो गई और हमारे घर भी बन गए हैं, लेकिन कचरे से निकलने वाली जहरीली गैस व प्रदूषण से स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। हमारे मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। इसलिए लैंडफिल साइट पर आवंटित की जा रही जमीन की प्रक्रिया को रोका जाए। शहर से दूर जमीन दी जाए।

गाइडलाइन का भी उल्लंघन है। यह कहना है लेखराज पाल का। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में केदारपुर के रहवासी पहुंचे। उन्होंने लैंडफिल साइट से हो रही परेशानी के बारे में बताया। साथ ही जो नई जमीन आवंटित की जा रही है, उस पर कचरे का ढेर लगाया जाता है तो उससे होने वाली परेशानी भी बताई।

मुंशी जाटव ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी मोहना में 1.787 हेक्टेयर भूमि थी। इस जमीन के खसरे में उसका नाम हटाकर दूसरे का दर्ज कर दिया और जमीन पर लोन भी ले लिया। मामले की जांच कर दोषियों को खिलाफ कार्रवाई की जाए। मीना यादव ने आरोप लगाया कि उसके प्लॉट का ठीक से सीमांकन नहीं किया है। अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले को फायदा पहुंचाया गया है।

जनसुनवाई में पहुंचे 107 आवेदन, 47 दर्ज

कलेक्ट्रेट में हुई जन-सुनवाई में 107 लोगों की समस्याएं सुनी गईं। एडीएम टीएन सिंह तथा संयुक्त कलेक्टर सुरेश कुमार बरहादिया व विनोद सिंह एवं एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण सूर्यकांत त्रिपाठी ने लोगों की समस्याएं सुनी। 107 आवेदनों में से 47 दर्ज किए गए।

शेष 60 आवेदन संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को सीधे ही निराकरण के लिए दिए गए। सभी अधिकारियों को समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।


Published on:
14 May 2025 11:23 am
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