MP High Court on Atrocity Act: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ग्वालियर ने एसटी एस सी निवारण अधिनियम एट्रोसिटि एक्ट से जुड़े एक मामले पर सुनाया अहम फैसला, जानें क्या है मामला...
MP High Court on Atrocity Act: हाईकोर्ट ने एससी-एसटी निवारण अधिनियम (एट्रोसिटीज एक्ट) से जुडे केस में अहम निर्णय दिया। कोर्ट ने कहा, शिकायतकर्ता के एससी से होने भर से किसी विवाद को एट्रोसिटी एक्ट के दायरे में नहीं ला सकते। अपराध जातिगत के बजाय निजी विवाद से जुड़ा है तो अधिनियम लागू नहीं होगा। गोराघाट थाना क्षेत्र (दतिया) में 23 मई 2023 को लेन-देन में आरोपी राधे, श्याम केवट ने शिकायतकर्ता धर्मेंद्र से मारपीट की। निचली कोर्ट ने मार्च 2025 में दोनों को एट्रोसिटी एक्ट में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट (MP High Court) ग्वालियर ने कहा कि निजी झगड़े या पैसों-जमीन के विवादों में हिंसा होने पर भी उसे जातिगत अपमान नहीं माना जा सकता, जब तक आरोपी की मंशा जातिगत अपमान की न हो। अदालत ने दोषसिद्धि बरकरार रखते हुए सजा को संशोधित कर दी। दोनों आरोपियों को जेल में बिताई गई अवधि को पर्याप्त मानते हुए रिहा करने का आदेश दिया गया। साथ ही 20-20 हजार रुपए का जुर्माना पीड़ित को मुआवजे के रूप में देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने चेताया कि निजी विवादों को जातिगत रंग देकर कानून (Atrocity Act) का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।