E-Registry: संपदा-2 सॉफ्टवेयर लागू होने से पंजीयन विभाग की बदल जाएगी व्यवस्था, उप पंजीयकों को दी संपदा-2 की ट्रेनिंग
अब संपदा-2 सॉफ्टवेयर में पक्षकार को रजिस्ट्री का प्रिंट नहीं मिलेगा। पक्षकार के मोबाइल पर ई- रजिस्ट्री (E registry on mobile) पहुंचेगी। रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होने पर हर स्टेप पर ओटीपी(OTP) की जरूरत होगी। बिना ओटीपी के रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
आधार(Aadhaar Card) या पैनकार्ड से भी रजिस्ट्री लिंक होगी। इसके साथ ही संपत्ति भी आधार और पेनकार्ड से लिंक हो जाएगी। यदि आधार या पैनकार्ड (pancard) नहीं है, तो पक्षकार के डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) बनेंगे। इसके अलावा पक्षकार खुद भी रजिस्ट्री कर सकता है, इसके लिए सर्विस प्रोवाइडर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पंजीयन विभाग (Registry Department) में 15 अगस्त से संपदा-2 सॉफ्टवेयर लागू हो रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए शनिवार 3 अगस्त को उप पंजीयकों को सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया। उप पंजीयकों को वर्चुअल सॉफ्टवेयर की जानकारी दी गई।
नए सॉफ्टवेयर में सर्विस प्रोवाइडर प्रमुख है। पारदर्शिता के लिए ओटीपी जरूरी है। आधार में मोबाइल नंबर दर्ज होना जरूरी है। उप पंजीयकों के बाद अब सर्विस प्रोवाइडरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
संपत्ति की रजिस्ट्री कराने में अभी दो गवाह की जरूरत होती है, लेकिन संपदा-2 में गवाह की जरूरत नहीं पड़ेगी। हाउसिंग बोर्ड, उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, एमएसएमई को रजिस्ट्रार के अधिकार मिलेंगे, ताकि प्रॉपर्टी को बैंक में बंधक बनाने में परेशानी न हो।
अब एक क्लिक पर संपत्ति की रजिस्ट्री की जानकारी मिल जाएगी। इससे बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कसने में मदद मिलेगी।
रजिस्ट्री के बाद नगर निगम को मैसेज जाएगा, जिससे नामांतरण आसान होगा। शुल्क की गणना भी होगी।
संपत्ति के विक्रय में जो फर्जीवाड़ा होता है, उसे भी नहीं कर पाएंगे। रजिस्ट्री रिकॉर्ड में रहेगी। जैसे ही दूसरे व्यक्ति को रजिस्ट्री की तो संबंधित को पता चल जाएगा।
बेनामी संपत्तियों का भी खुलासा होगा, क्योंकि संपत्ति संबंधित व्यक्ति के आधार पर दिखना शुरू हो जाएगी।