
MP News: भोपाल में संस्कृत पाठशाला (Sanskrit Pathshala) का प्रयोग सफल रहा है। इसके बाद अब ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश में 350 संस्कृत प्राथमिक स्कूल खोले जाने की तैयारी की गई है। स्कूल का शुल्क भी बेहद यूनिक है, यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के माता-पिता दोनों में से जिसकी भी सैलरी कम होगी, उसका दो दिन का वेतन फीस के तौर पर लिया जाएगा। संस्कृत में शुरू होने वाली छोटे बच्चों की कक्षाओं के नाम केजी-1 और नर्सरी की जगह अरुण और उदय होंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश संस्कृत बोर्ड (madhya pradesh Sanskrit Board) पहली बार अपने पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) को शुरू करने जा रहा है। इनमें छोटे बच्चे ना सिर्फ संस्कृत में पढ़ाई करेंगे बल्कि अभिवादन और श्लोकों का उच्चारण भी संस्कृत में करेंगे।
अभी प्रदेश की राजधानी भोपाल के सरोजनी नायडू स्कूल में शुरू होने वाले इस स्कूल में बच्चों के एडमिशन शुरू हो चुके हैं, कुछ बच्चों के एडमिशन हो भी गए हैं। पहला बैच 30 बच्चों से शुरू होगा।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत संस्कृत प्राथमिक विद्यालय ग्वालियर में भी खोला जाना है। इसके लिए स्कूल का चयन सहित अन्य कार्य करना अभी बाकी है। इसके लिए इसी माह एक बैठक आयोजित की जाएगी।
Published on:
04 Aug 2024 09:35 am
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