Shankaracharya Avimukteshwarananda on Pahalgam Attack: अब तो आप मान लीजिए कि आतंकवाद का धर्म होता है और वो धर्म कौन सा है ये भी साफ हो गया। आतंकवाद का एक धर्म है और आज की तारीख में उसका नाम इस्लाम है।
Shankaracharya Avimukteshwarananda on Pahalgam Attack: अब तो आप मान लीजिए कि आतंकवाद का धर्म होता है और वो धर्म कौन सा है ये भी साफ हो गया। आतंकवाद का एक धर्म है और आज की तारीख में उसका नाम इस्लाम है। पहलगाम हमले के लिए कौन जिम्मेदार है, ये अभी तक तय नहीं कर पाए हैं। पाकिस्तान के लिए चार बड़े फैसले से कुछ नहीं होता। घटना के पांच मिनट बाद पाकिस्तान का नाम ही क्यों लिया गया। ये बिल्कुल आपदा में अवसर ढूंढने की कोशिश है। यह बात स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गुरुवार को ग्वालियर पहुंचने पर कही।
ज्योतिर्लिंग केदारनाथ एवं बद्रीनाथ के कपाट खुलवाने जा रहे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती(Shankaracharya Avimukteshwarananda) ने आगे कहा कि पहलगाम(Pahalgam Attack) में कलमा नहीं पढ़ने वालों से धर्म पूछकर गोली मारी गई। इस घटना के बाद तीन शब्द कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत दोहराए जा रहे हैं। कश्मीरी गाइड ने अपनी जान देकर कश्मीरियत को तो सिद्ध कर दिया। जम्हूरियत कहां है वो तो मर गई। आपनेे रक्षा करने का भाषण दिया था, कि हमने धारा 370 हटाकर अमन-चैन कायम कर दिया है। कश्मीर बदल चुका है। हमने ऐसी व्यवस्था बना दी है। जिन लोगों ने यहां आराम से आने के लिए कहा था इतनी बड़ी घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा। कोई भी तैयार नहीं है।
पुलवामा में मरने वाले सैनिकों की जिम्मेदारी भी आज तक तय नहीं हो पाई है। इतनी सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी लोगों को मार दिया गया। आपदा में अवसर खोजने की कोशिश कहां तक उचित है। इसलिए हमारा ये कहना है कि ये बहुत बुरी दुर्भाग्य पूर्ण घटना है। जो दिख रहा है उसे देखने के बाद विचार करने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है। जो भी दोषी हों उनके विरुद्ध कार्रवाई होना चाहिए। लेकिन जिम्मेदार कौन हैं उसकी भी पहचान होना चाहिए। राष्ट्र में रहने वाले लोगों का हित सनातन धर्म में है। अब सनातन धर्म के लोगों को अपने लिए एक नया रास्ता खोजना होगा। मेरे हिसाब से सनातनी विचारधारा की राजनीति की इस देश में आवश्यकता है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हमारे लंबे समय से गो माता की रक्षा के लिए आंदोलन चलाने के बाद भी अभी तक कोई कानून नहीं बन सका है। कहते सब हैं लेकिन गो माता के लिए कोई कुछ नहीं करता है। पिछले 78 साल से यही चल रहा है। 78 साल से देश के बहुसंख्यक हिंदु समाज को भ्रम में डालकर राज करते चले आ रहे हैं, वैसा ही आप आगे भी करेंगे ऐसा अनुमान है। अब हिंदू समाज के सामने ये साफ हो चुका है कि कोई भी पार्टी गाय के मुद्दे पर साथ नहीं है। हिंदू समाज को भ्रम में डालकर राज करते आ रहे हैं। अब हमने तय किया है कि हिंदू समाज को ही गो भक्तों के रूप में सामनेे आना होगा।
हमने (Shankaracharya Avimukteshwarananda) बैठक करके तीन संकल्प लिए हैं। हमें अपने वोटिंग का पैटर्न बदलना होगा, अभी तक आशा में वोट देते आ रहे हैं। पार्टियां आने के बाद गाय के लिए किसी ने काम नहीं किया। 33 करोड़ हिंदू ये संकल्प ले कि वे गाय के लिए वोट देंगे। इसके लिए हमने देश भर में 3 लाख रामाधाम बनाने का निर्णय लिया गया है। रामा शुद्ध देसी गाय का इसमें संरक्षण होगा। एक रामाधाम में 100 गाय रहेंगी। पहले चरण में देश के सभी 4123 विधानसभा में इसकी शुरूआत करेंगे।
हर विधानसभा में रामाधाम का निर्माण करेंगे। ग्वालियर की आठ विधानसभा में आठ रामाधाम में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस साल के अंत तक शुरू करेंगे। 3600 से अधिक बूचडख़ानों को सरकार ने अनुमति गाय काटने के लिए दे रखी है, उन्हें भी नोटिस भेजेंगे हिंदू समाज की ओर से कि भले ही सरकार ने अनुमति दे दी हो लेकिन ये हमें चोट पहुंचाने वाला है। यदि ये करते हैं तो ये व्यापार की दृष्टि से नहीं बल्कि हमें चोट पहुंचाने के लिए कर रहे हैं। हिंदु समाज की भावना के लिए ऐसा करने से कुछ तो तैयार होंगे ही।
ऐसा नहीं मानने पर गो रक्षा सेना बनाकर धावा बोला जाएगा। किसी भी हालत में अपनी गो माता को अपने सामने कटने नहीं देंगे। इसे उन्होंने इस दोहे से समझाया कि 33 कोटि गो मतदाता, तीन लाख श्रीरामाधाम, कुछ हजार जो बूचडख़ाने सुधरे तो हो गौ का काम।