हनुमानगढ़ में सात दिन से लापता दंपती में पति शंभु सिंह (23) का शव रावतसर वितरिका में मिला, जबकि गर्भवती पत्नी रजनी का अब तक पता नहीं चला। परिजन नहर किनारे डेरा डाले निगरानी कर रहे हैं। तीन महीने पहले हुई शादी और घर में आने वाला बच्चा दोनों उम्मीदें टूट गईं।
हनुमानगढ़: परिवार वाले तो घर में नन्हे मेहमान के आने का इंतजार कर रहे थे। मगर किलकारी गूंजने से पहले ही परिजनों के दिल पर कटार सी चल गई। सात दिन से बेटे-बहू की तलाश में नहर की निगरानी कर रहे परिवार वालों की आस शनिवार को उस समय टूट गई, जब नहर में युवक का शव मिल गया।
क्योंकि नहर किनारे दंपती के जूते, मोबाइल फोन वगैरह मिलने के बावजूद हल्की सी उम्मीद थी कि शायद वे कहीं चले गए हों। हालांकि, दंपती के बूढ़े पिता और अन्य परिजन निरंतर नहर किनारे डेरा डालकर निगरानी कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, गांव सूरेवाला के थेहड़ जोगेंद्र सिंह वाला निवासी शंभु सिंह (23) पुत्र जसवंत सिंह का शव शनिवार सुबह रावतसर वितरिका में थालड़का क्षेत्र में हैड से थोड़ा आगे मिला। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। दोपहर बाद उसका अंतिम संस्कार करवा दिया गया।
इस संबंध में मृतक के चाचा राम सिंह की सूचना पर पुलिस ने मर्ग दर्ज की है। जबकि शंभु सिंह की पत्नी रजनी उर्फ रज्जो (20) का अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। परिजन नहर व हैड के पास निरंतर निगरानी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 30 नवंबर की सुबह मसीतांवाली हैड पर इंदिरा गांधी नहर की रावतसर वितरिका के किनारे दंपती के जूते, मोबाइल और एक अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद परिजनों, पुलिस, परिजन और आपदा प्रबंधन टीम ने दंपती की तलाश शुरू की थी।
शंभु व रजनी का विवाह करीब तीन महीने पहले ही हुआ था। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट व परिजनों के अनुसार रजनी दो महीने की गर्भवती थी। शंभु सिंह अपनी पत्नी को डॉक्टर को दिखाने के लिए हनुमानगढ़ जाने का कहकर 29 नवंबर को घर से निकला था। इसके बाद वह अपने ससुराल चक 4-5 आरडब्ल्यूबी मसीतांवाली हैड पर रुके थे।
मृतक के परिजन रामा सिंह ने बताया कि शंभु सिंह अच्छा तैराक था। हमारे गांव क्षेत्र के अधिकांश युवक तैरना जानते हैं। ऐसे में शंभु सिंह डूब नहीं सकता था। संभव है कि पत्नी को बचाने के प्रयास में वह डूब गया हो। मृतक की जेब से 1100 रुपए एवं मोबाइल फोन का चार्जर बरामद हुआ।