गोलूवाला नगरपालिका को यथावत रखने की मांग, जिला कलक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन, एडीएम को सौंपा ज्ञापन
गोलूवाला. गोलूवाला नगरपालिका को भंग कर पुन: ग्राम पंचायत बनाने की मांग के विरोध में ग्रामीण उतर आए हैं। कस्बे के ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल कलक्ट्रेट पहुंचा तथा गोलूवाला को नगरपालिका बनाए रखने की मांग की। इस संबंध में एडीएम उम्मेदीलाल मीणा को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने एक सुर में कहा कि नगरपालिका को यथावत रखा जाए, क्योंकि यही कस्बे के सर्वांगीण विकास के लिए उचित और आवश्यक है।
ज्ञापन में बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और क्षेत्र की नगरीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गोलूवाला को नगरपालिका का दर्जा दिया था। अब कुछ लोग इसे वापस ग्राम पंचायत बनाने की मांग कर रहे हैं जो बिलकुल गलत है। यदि नगरपालिका को खत्म किया गया, तो कस्बे की आधारभूत सुविधाओं, सडक़ निर्माण, साफ-सफाई, सीवरेज, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे पर बुरा असर पड़ेगा। ज्ञापन में बताया गया कि कस्बे के विकास कार्य नगरपालिका के गठन के बाद ही गति पकड़ेंगे।
प्रतिनिधि मंडल में व्यापार मंडल अध्यक्ष राकेश ढाका, रिंकू सिंगला, विजय सिंह पूनिया, संदीप भाकर, संदीप सिहाग, अन्तराम कुचेरिया, रामनिवास गोदारा, पवन बेनीवाल, ओम प्रकाश जलंधरा सहित अनेक व्यापारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी व जनप्रतिनिधि शामिल रहे। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि नगरपालिका के परिसीमांकन व वार्ड पुनर्गठन की प्रक्रिया को यथावत जारी रखा जाए। नगरपालिका की वैधता को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं किया जाए।
कस्बे में व्यवस्थित नगरीय सेवाएं, सडक़ें, सीवरेज, प्रकाश व्यवस्था और कचरा प्रबंधन जैसी सुविधाओं की आवश्यकता है। यह सब सुविधाएं और व्यवस्थाएं तभी संभव है जब गोलूवाला ग्राम पंचायत की जगह नगरपालिका बने।- राकेश ढाका, अध्यक्ष व्यापार मंडल गोलूवाला।