Hardoi: हरदोई में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जहां एसपी ऑफिस के गेट पर पुलिसकर्मियों ने हादसे में घायल एक महिला की गाड़ी को अंदर जाने से रोक दिया। महिला के परिजनों ने मजबूरी में उसे चादर में लपेटकर अंदर ले जाने की कोशिश की। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, एसपी नीरज कुमार जादौन ने मामले को संज्ञान में लिया और पीड़ित महिला से माफी मांगी। इस घटना ने पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Hardoi: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस की संवेदनहीनता का एक मामला सामने आया है। एक सड़क हादसे में घायल महिला जब अपनी शिकायत लेकर एसपी कार्यालय पहुंची, तो गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उसकी गाड़ी को अंदर जाने से रोक दिया। मजबूरी में परिजन घायल महिला को चादर में लपेटकर कार्यालय तक ले गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसपी नीरज कुमार जादौन ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा, "आई एम सॉरी", और इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यह घटना सोमवार की है, जब हरदोई के एसपी कार्यालय में एक गंभीर रूप से घायल महिला अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंची। महिला और उसके परिजनों का आरोप है कि सड़क दुर्घटना में घायल होने के बावजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी मदद नहीं की। परिजन जब घायल महिला को कार में लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे, तो गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी अंदर जाने से रोक दी। महिला की हालत गंभीर थी, फिर भी पुलिसकर्मियों ने उन्हें वापस जाने को कहा। मजबूर होकर परिजनों ने महिला को चादर में लपेटा और कार्यालय के अंदर तक पहुंचाया। इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एसपी नीरज कुमार जादौन ने तुरंत इसका संज्ञान लिया। उन्होंने न सिर्फ सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, बल्कि मामले की गंभीरता को स्वीकारते हुए संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। एसपी ने कहा, "मुझे इस घटना पर गहरा अफसोस है। यह हमारी गलती थी, और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।"
यह घटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अक्सर देखा गया है कि जरूरतमंद लोग जब पुलिस से मदद की उम्मीद करते हैं, तो उन्हें इसी तरह की असंवेदनशीलता का सामना करना पड़ता है। इस मामले में भी, घायल महिला और उसके परिजनों को जिस तरह से वापस भेजने की कोशिश की गई, वह पुलिस के व्यवहार को उजागर करता है।
हालांकि एसपी ने माफी मांग कर मामले को शांत करने की कोशिश की है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे पुलिस की बड़ी लापरवाही मान रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सिर्फ माफी से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है? क्या पुलिस की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने चाहिए?
एसपी ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सभी पुलिसकर्मियों को संवेदनशीलता का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिला के परिजनों ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि एसपी कार्यालय में उनकी समस्या सुनी जाएगी, लेकिन वहां जो हुआ, उसने उनकी तकलीफ और बढ़ा दी। उन्होंने मांग की है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।
यह घटना पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चेतावनी है। जनता के साथ इस तरह का व्यवहार पुलिस के प्रति विश्वास को कमजोर करता है। उम्मीद है कि इस घटना के बाद हरदोई पुलिस संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेगी।