Hardoi के सहुआपुर गांव के युवक आर्यन का कथित नाजायज असलहे और कारतूस के साथ बना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। पचदेवरा थाना पुलिस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है। थानाध्यक्ष ने कहा कि इस तरह का कृत्य गंभीर अपराध है, कार्रवाई निश्चित होगी।
Hardoi जिले के पचदेवरा थाना क्षेत्र के सहुआपुर गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब शुक्रवार शाम एक युवक का कथित रूप से अवैध असलहे और कारतूस के साथ बना वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में दिखाई दे रहा युवक आर्यन, पुत्र सुआ लाल बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस अभी वीडियो की सत्यता और उसमें दिख रहे हथियार की वैधता की जांच कर रही है। वायरल वीडियो के सामने आने के बाद यह मामला क्षेत्र में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है। वीडियो में युवक को हाथ में तमंचे जैसा दिखने वाले हथियार और कारतूस के साथ पोज करते देखा जा सकता है। चूंकि सोशल मीडिया पर कोई भी सामग्री बिना पुष्टि के फैल सकती है, इसलिए पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वीडियो वास्तविक है या नहीं, और असलहा असली था या नकली।
वीडियो वायरल होने के बाद सहुआपुर और आसपास के गांवों में लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। ग्रामीणों का कहना है कि सोशल मीडिया के युग में हथियारों के साथ तस्वीरें और वीडियो बनाना एक खतरनाक प्रवृत्ति बनती जा रही है। इससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है और अपराध को बढ़ावा मिलने की आशंका रहती है।
कुछ ग्रामीणों ने चिंता जताते हुए कहा कि यदि वीडियो वास्तविक है, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि युवक के पास असलहा कैसे पहुंचा। क्षेत्र में पहले भी ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की मांग की जा चुकी है। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि आजकल सोशल मीडिया का गलत उपयोग बढ़ता जा रहा है। युवा दिखावे के चक्कर में हथियारों के साथ वीडियो बनाते हैं, यह गंभीर अपराध है और पुलिस को ऐसे मामलों में सख्ती करनी चाहिए।”
वायरल वीडियो की खबर मिलते ही थाना पचदेवरा की पुलिस सक्रिय हो गई। थानाध्यक्ष शिवनारायण सिंह ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और इसे पूरी तरह से जांच में लिया गया है। उन्होंने कहा कि वायरल हो रहा वीडियो हमारे संज्ञान में आ चुका है। वीडियो की सत्यता की जांच कराई जा रही है। यदि वीडियो में दिख रहा असलहा अवैध पाया जाता है, तो संबंधित युवक के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने तकनीकी माध्यमों से वीडियो की लोकेशन, समय और सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले व्यक्ति की भी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। इसके साथ ही साइबर टीम को भी जांच में लगाया गया है।
पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि युवक का किसी असामाजिक तत्व या अवैध हथियार तस्करी नेटवर्क से कोई संबंध तो नहीं है। थाना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यदि असलहा अवैध पाया जाता है, तो NDAL (नेशनल डेटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंसिंग) में उसकी कोई एंट्री नहीं मिलेगी और इसके बाद युवक के खिलाफ अवैध शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
थानाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी प्रकार के असलहे, चाहे वह लाइसेंसी ही क्यों न हो, के साथ सोशल मीडिया पर वीडियो बनाना और उसे पब्लिक प्लेटफॉर्म पर साझा करना कानूनन अपराध है। ऐसे मामलों में बिना किसी ढिलाई के कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोका जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि हथियारों का प्रदर्शन समाज में गलत संदेश देता है और युवाओं को अपराध की ओर उकसाता है। पुलिस प्रशासन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे अपने बच्चों पर नजर रखें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
जांच के दौरान पुलिस ने युवक के परिवार के सदस्यों से भी बात की है। परिवार का कहना है कि उन्हें इस वीडियो के वायरल होने की जानकारी बाद में हुई और वे इस मामले में पुलिस जांच में सहयोग करने को तैयार हैं। परिवार ने बताया कि उन्हें यह नहीं पता कि वीडियो कब और किसने बनाया और हथियार असली था या नकली। पुलिस इन दावों की भी पड़ताल कर रही है।
वीडियो वायरल होने के बाद गांव में पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की अफवाह या गलत जानकारी फैलने पर रोक लगाई जा सके। पुलिस की टीम घर-घर जाकर कोई बयान दर्ज नहीं कर रही, लेकिन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की तत्परता से माहौल शांत है और किसी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति नहीं है।
पचदेवरा थाना क्षेत्र में बीते वर्षों में अवैध हथियारों की बरामदगी के कई मामले सामने आए हैं। इसलिए पुलिस इस वीडियो को भी गंभीरता से देख रही है। जिले में कई बार ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जहां युवक दिखावे के चक्कर में हथियारों का दुरुपयोग करते पाए गए। पुलिस का कहना है कि ऐसे वीडियो न केवल अपराध को बढ़ावा देते हैं बल्कि युवाओं में गलत संदेश भी जाते हैं।