Complaint Filed on Rahul Gandhi: हाथरस बिटिया कांड मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से पिछले महीने मुलाकात की थी। पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद उन्होंने अपने विचार सोशल मीडिया पर साझा किया था जिसे लेकर मामले में बरी आरोपियों ने उनपर परिवाद दायर किया है। आइये बताते हैं क्या है पूरा मामला ?
Complaint Filed on Rahul Gandhi in Hathras: हाथरस बिटिया कांड से जुड़े मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बड़ा झटका लग सकता है। केस में रेप के आरोपों से बरी हुए रवि, राम कुमार उर्फ रामू और लवकुश के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने राहुल गांधी को डेढ़ करोड़ का लीगल नोटिस भेजा था। इस नोटिस का जवाब नहीं देने पर राहुल गांधी पर एमपी/एमएलए कोर्ट में शिकायत दायर हुई है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर हाथरस मामले के वकील मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि बुलगढ़ी (हाथरस का गांव) की घटना में चार युवकों पर फर्जी बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था। तीन युवकों को बरी कर दिया गया और एक व्यक्ति को गैरकानूनी हत्या का दोषी ठहराया गया। उसकी अपील लंबित है। अब राहुल गांधी फैसले के बाद भी यहां आए और तीनों बच्चों को बलात्कारी कहा। इसके बाद हमने राहुल गांधी को मानहानि का नोटिस दिया और अगले 15 दिनों में जवाब देने को कहा। उन्होंने अभी तक हमें जवाब नहीं दिया है। अब राम कुमार ने याचिका दायर की है और बाकी दो लोग भी सोमवार को याचिका दायर करेंगे।
दरअसल, साल 2020 में हाथरस के एक गांव में एक लड़की के साथ दरिंदगी का घटना सामने आयी थी। घटना में गांव के ही चार लोगों पर रेप और हत्या के आरोप लगे थे। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साल 2023 में कोर्ट ने 3 आरोपियों को मामले से बरी कर दिया था। लोक सभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी गुरुवार को पीड़िता के परिजनों से मिलने हाथरस पहुंचे। यहां उन्होंने परिजनों से बातचीत की और उनका हाल जाना। पीड़ित परिवार ने शासन-प्रशासन सहित न्याययालय पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। राहुल गांधी ने बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की थी।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा था कि हाथरस रेप पीड़िता के परिवार को घर में बंद करके रखना और गैंग रेप के आरोपियों का खुलेआम घूमना बाबा साहेब के संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ है। बीजेपी सरकार ने पीड़ित परिवार को दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा भी पूरा नहीं किया है। हम अंबेडकर जी के संविधान को मानने वाले कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग मिलकर उस परिवार की मदद करेंगे - उनके घर का रिलोकेशन हम करेंगे।
दायर परिवाद में उल्लेख किया गया है कि राहुल गांधी का यह कार्य भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 356(2) के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। याचिका में न्यायालय से अपमानजनक पोस्ट और न्यायिक आदेश की अवमानना के लिए राहुल गांधी को दंडित करने का अनुरोध किया गया है। इस मामले की सुनवाई के लिए न्यायालय ने 10 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
नोटिस के माध्यम से तीनों से 50-50 लाख रुपए का भुगतान करने को कहा गया था। पुंढीर ने कहा था कि कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद, तीनों युवक समाज में एक बेहतर जीवन जी रहे थे। कोर्ट ने इस मामले को रेप केस भी नहीं माना। लेकिन गंदी राजनीति के चलते X पर आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड की गई, जिससे तीनों की जिंदगी फिर से प्रभावित और बर्बाद हो गई।